दरअसल कुछ अभिभावकों ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से शिकायत कर कहा था कि कई ऑनलाइन गेमिंग साइट्स बच्चों में जुआ, सट्टेबाजी और शोषण को बढ़ावा दे रही हैं। एक अभिभावक ने शिकायत में कहा था कि उनके बच्चे ने 50 हजार रुपये ऑनलाइन जुआ खेल डाला। इन शिकायतों को बेहद गंभीरता से लेते हुए आयोग के चेयरमैन प्रियंक कानूनगो के निर्देश पर सभी कंपनियों को नोटिस भेजा गया है।
आयोग ने कहा है ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां बाल अधिकारों का हनन कर रही हैं। ऐसे में उनसे कई तरह के सवाल किए गए हैं। बच्चों के बाल अधिकार हनन को रोकने के लिए उनकी ओर से क्या कार्रवाई चल रहीं है? कंपनियों से यह भी पूछा गया है कि बच्चों को भ्रमित होने से रोकने के लिए उनकी ओर से क्या तैयारियां की गई हैं?
आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि भोलेभाले बच्चे ऑनलाइन कंपनियों के फरेब में आकर अपने मां बाप के पैसे खर्च कर दे रहे हैं। पूरी तरह से यह आपराधिक मामला है। इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए सभी कंपनियों से 10 दिन के अंदर जवाब तलब किया गया है।
–आईएएनएस
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