वकील राणा दासगुप्ता ने शनिवार को आईएएनएस को बताया कि प्रधानमंत्री के आदेश का पालन करते हुए चटगांव जिला अधिकारियों ने इमारत को खाली करा दिया है और 6 जनवरी को बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी एक ऑर्डर के साथ बाहर एक साइनबोर्ड लगा दिया है, जिसमें लिखा है कि इस जगह को संग्रहालय के लिए संरक्षित किया गया है।
इस कदम का स्वागत करते हुए दासगुप्ता ने कहा कि यह चटगांव के लोगों के आंदोलन की जीत है।
उन्होंने आगे कहा, हम खुश हैं कि हेरिटेज को संग्रहालय में तब्दील करने के अपने प्लान के साथ प्रधानमंत्री खुद मुद्दे की देखरेख कर रही हैं। हम उम्मीद करते हैं कि स्थानीय प्रशासन आदेश को लागू करने की दिशा में तेजी से काम करेंगे।
एक स्थानीय निवासी ने आईएएनएस को बताया, सरकार से कदम उठाने का आग्रह करते हुए 5 जनवरी से इमारत के बाहर कई बैठकें आयोजित की गई थीं। पिछले दो हफ्तों से कुछ उपद्रवी यहां रह रहे थे। इन्होंने यहां के दरवाजे भी जला दिए हैं।
महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस सहित और भी कई दिग्गज नेता जतींद्र मोहन सेनगुप्ता और उनके पिता वकील जात्रा मोहन सेनगुप्ता संग इसी कानूनी कक्ष में मुलाकात किया करते थे।
–आईएएनएस
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