अंतरिम जमानत पर बाहर कैदियों को कोविड वैक्सीन लगवाने की मांग

नई दिल्ली, 11 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर केंद्र और दिल्ली सरकार को ऐसे विचाराधीन कैदियों और दोषियों का टीकाकरण करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है, जो महामारी के दौरान अंतरिम जमानत पर बाहर हैं। इसमें कहा गया है कि उनके लौटने पर जेल परिसर के कोविड-19 हॉटस्पॉट बनने की आशंका है।

याचिकाकर्ता अधिवक्ता अभिलाषा श्रावत ने कहा कि एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने कोविड-19 मामलों में गिरावट के आधार पर कैदियों की आपातकालीन पैरोल या अंतरिम जमानत का विस्तार नहीं करने का फैसला किया है और उन्हें 7 फरवरी तक आत्मसमर्पण करने के लिए कहा है।

याचिका में कहा गया, अगर जो कैदी जेल से बाहर हैं उन्हें टीका नहीं लगाया जाता है तो जेल परिसर के महामारी का हॉटस्पॉट बनने की आशंका है। खराब स्वच्छता सुविधाओं के साथ जेलों में कैदियों की भीड़ की समस्या से वायरस फैलने का खतरा है।

श्रावत ने जोर दिया कि कोरोना के संचरण को रोकने के लिए जमानत, आपातकालीन पैरोल या फर्लो (अवकाश) पर बाहर सभी कैदियों के लिए कोविड टीकाकरण की व्यवस्था करना केंद्र और दिल्ली सरकार पर निर्भर है।

उन्होंने कहा कि अंतरिम जमानत या पैरोल पर रिहा लोग संबंधित जेलों के कैदियों के बीच संक्रमण फैला सकते हैं, जब उन्हें आत्मसमर्पण करने की आवश्यकता होगी, और साथ ही, जेल में भीड़ बढ़ जाती है, जिससे कोरोना फैल सकता है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि वैक्सीन का प्रबंध न करने से कैदियों को रखने के लिए सीमित स्थान को देखते हुए और जेल कैदियों के बीच शारीरिक दूरी बनाए रखने में असमर्थता के कारण वायरस का प्रसार होगा। उन्होंने कहा, कैदियों के स्वास्थ्य की रक्षा करना राज्य का कर्तव्य है।

टीकाकरण के लिए अनुरोध करने के अलावा, याचिकाकर्ता ने परिस्थितियों को देखते हुए कैदियों की अंतरिम जमानत को और बढ़ाने की मांग की।

–आईएएनएस

वीएवी-एसकेपी