अगले सीजन में आईएसएल से जुड़ने को तैयार ईस्ट बंगाल, मोहन बागान

नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)| विश्व फुटबाल की नियामक संस्था फीफा ने बुधवार को आई-लीग क्लबों से अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के साथ मिलकर काम करने के लिए पत्र लिखा है और इसी दिन देश के दो बड़े क्लबों-ईस्ट बंगाल और मोहन बागान ने फुटबाल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट (एफएसडीएल) से बात कर इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में जल्दी से जल्दी दाखिल होने की बात कही है।

इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि दोनों क्लबों को वित्तीय संसाधनों की कमी है और आईएसएल में आने से यह खत्म हो सकती है क्योंकि लीग में आने से क्लबों को प्रायोजक मिलेंगे।

सूत्र ने बताया, “दोनों क्लब एफएसडीएल से बात करने की कोशिश में लगे हुए हैं ताकि जल्दी से जल्दी आईएसएल में जगह मिल जाए। क्लबों की कोशिश है कि वह अगले सीजन में लीग में खेलें।”

उन्होंने कहा, “आपको पता होगा कि दोनों क्लबों को अपनी वित्तीय स्थिति में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मोहन बागान के पास स्पांसर नहीं है और ईस्ट बंगाल को क्वेस के जाने के बाद से मुश्किल हो रही है। जब तक यह दोनों आईएसएल में नहीं आ जाते दोनों के लिए के लिए नए प्रायोजक मिलना मुश्किल है।”

ऐसी भी खबरें हैं कि फीफा द्वारा लिखे गए पत्र से दोनों क्लब परेशान हैं और वह किसी तरह के ग्रुप का हिस्सा नहीं बनाना चाहते। छह आई-लीग क्लबों- मिनर्वा पंजाब एफसी, मोहन बागान, क्वेस ईस्ट बंगाल, चर्चिल ब्रदर्स गोवा, आइजोल एफसी और गोकुमलाम एफसी ने फीफा के अध्यक्ष गियानी इन्फैनटिनो को पत्र लिखा था और भारतीय फुटबाल की मौजूदा स्थिति में दखल देने को कहा था।

इस पर फीफा ने भारतीय फुटबाल के विकास के लिए आई-लीग क्लबों को एआईएफएफ के साथ मिलकर काम करने के लिए कहा है। फीफा के कार्यवाहक उप महासचिव मैटियास ग्रैफस्ट्रॉम ने मिनर्वा पंजाब एफसी के निदेशक रंजीत बजाज को पत्र लिखा है और अन्य आई-लीग क्लबों को भी महासंघ के साथ मिलकर काम करने के लिए कहा।

ग्रैफस्ट्रॉम ने लिखा, “2018 में की गई समीक्षा ने कई जटिल मुद्दों को उजागर किया, जिन्हें सुलझाने के लिए सभी हितधारकों को साथ लेकर चलते हुए विवेकपूर्ण ²ष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। चर्चा के बाद यह स्पष्ट था कि सिफारिशों के कई पहलू हैं जिन्हें लागू करने से पहले और अधिक विचार करने की आवश्यकता है।”

उन्होंने कहा, “हम समझते हैं कि इसी आधार पर एआईएफएफ अध्यक्ष ने क्लबों से मुलाकात की और उन्हें स्थायी समाधान न निकलने तक कुछ समय के लिए एक समाधान निकालकर दिया। इसलिए हम मानते हैं कि एआईएफएफ ऐसा करने में सक्षम है और हमें विश्वास है कि भारत में फुटबाल की शासी निकाय के रूप में एआईएफएफ एक संपूर्ण और प्रभावी प्रक्रिया का प्रबंध कर सकता है।”

उन्होंने यह भी कहा कि एआईएफएफ के प्रयासों को सहायता प्रदान करने के लिए फीफा और एशियाई फुटबाल परिसंघ (एएफसी) उसके साथ खड़ा है और क्लबों को महासंघ के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है।

ग्रैफस्ट्रॉम ने लिखा, “फीफा, एएफसी के साथ मिलकर इस प्रक्रिया के साथ एआईएफएफ की सहायता करने के लिए हमेशा उपलब्ध है और यह महत्वपूर्ण होगा कि सभी क्लब महासंघ के साथ मिलकर काम करें क्योंकि भारत में शीर्ष स्तरीय फुटबाल को आगे बढ़ाने के लिए सभी हितधारकों का सहयोग बहुत जरूरी होगा।”