अजा-जजा आंदोलन का साल पूरा होने पर ग्वालियर में निषेधाज्ञा लागू

ग्वालियर, 1 अप्रैल (आईएएनएस)| अनुसूचित जाति और जनजाति द्वारा बीते साल दो अप्रैल को बुलाए गए भारत बंद के दौरान ग्वालियर-चंबल अंचल में हुई हिंसक घटनाओं को लेकर प्रशासन सतर्क है, और ग्वालियर में निषेधाज्ञा 144 लागू कर दी गई है। साथ ही सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेशों को जारी करने और फॉरवर्ड करने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।

अपर जिला मजिस्ट्रेट संदीप केरकेट्टा ने आदेश कर बताया है कि जिले में सोमवार को सुबह छह बजे से लागू कर दी गई है, जो तीन अप्रैल की रात को 12 बजे तक निषेधाज्ञा प्रभावशील रहेगी। जिले की सीमा के अंतर्गत किसी भी सार्वजनिक स्थल पर बिना अनुमति के पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने, धरना प्रदर्शन, जुलूस, नारेबाजी, भीड़ का जमाव भी प्रतिबंधित रहेगा।

उन्होंने कहा कि जिले में आर्म्स अधिनियम के तहत शस्त्र लाइसेंस निलंबित हैं, लेकिन न्यायाधीशों, प्रशासनिक अधिकारी, उनकी सुरक्षा एवं अन्य किसी शासकीय कर्तव्य पालन के समय ड्यूटी पर लगाए गए सुरक्षाबलों अर्ध सैनिक बलों विशिष्ट व्यक्तियों अधिकारियों की सुरक्षा के लिए लगाए गए पुलिसकर्मियों को छोड़कर प्रत्येक व्यक्ति का शस्त्र धारण करना एवं प्रदर्शन करना प्रतिबंधित किया गया है।

आदेश के अनुसार, किसी भी प्रकार के कट आउट बैनर पोस्टर फ्लेक्स होर्डिग्स, झंडे आदि पर किसी भी धर्म, संप्रदाय, जाति या समुदाय के विरुद्ध नारे या अन्य भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। कोई भी व्यक्ति बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग नहीं कर सकेगा, साथ ही वर्ग धर्म एवं संप्रदाय में विद्वेष उत्पन्न करने वाली भड़काऊ पोस्ट सोशल मीडिया पर फॉरवार्ड नहीं किया जाए। जो ऐसा करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पिछले साल सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एससी-एसटी एक्ट के तहत सीधी गिरफ्तारी को लेकर दिए गए फैसले के खिलाफ दो अप्रैल, 2018 को भारत बंद का आह्वान किया गया था। इस दौरान मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में हिंसा भड़की थी। इसी के चलते ग्वालियर प्रशासन ने निषेधाज्ञा लागू किए जाने के साथ भारी पुलिस बल की तैनाती की है।