अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह, आनंद ग्रोवर के ठिकानों पर सीबीआई के छापे (लीड-1)

नई दिल्ली/मुंबई, 11 जुलाई (आईएएनएस)| केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को एफसीआरए नियमों के कथित उल्लंघन के मामले में सर्वोच्च न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह और उनके पति आनंद ग्रोवर के राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और मुंबई स्थित आवासों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सीबीआई ने यह कार्रवाई मुंबई के एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ और उसके अध्यक्ष आनंद ग्रोवर के खिलाफ 13 जून को विदेशी सहायता नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के उल्लंघन, आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी के मामले दर्ज करने के लगभग एक महीने बाद की है।

गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के बाद सीबीआई ने दोनों शहरों में गुरुवार तड़के लगभग पांच बजे छापामारी शुरू की।

सीबीआई की दर्ज प्राथमिकी में इंदिरा जयसिंह का नाम दर्ज नहीं है। सीबीआई के अनुसार, दर्ज मामले में एनजीओ के अज्ञात पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं, निजी व्यक्तियों और सरकारी कर्मचारियों को भी नामजद किया गया है।

सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि जयसिंह के दिल्ली में निजामुद्दीन ईस्ट स्थित आवास पर छापा मारा गया।

गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, एनजीओ को सामाजिक कार्यों के संचालन के पंजीकृत कराया गया था और इसे 2006-07 से 2014-15 तक 32.39 करोड़ रुपये मिले।

शिकायत में कहा गया है कि एफसीआरए के उल्लंघन का खुलासा 2010 में हुआ।

सीबीआई के मामले के अनुसार, जयसिंह को लॉयर्स कलेक्टिव की तरफ से विदेश जाने के लिए 96.60 लाख रुपये मिले थे।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को सीबीआई की छापेमारी की निंदा करते हुए कहा कि कानून और संवैधानिक मूल्यों को कायम रखने के लिए लड़ने वाले दिग्गजों को निशाना बनाना स्पष्ट रूप से बदले की कार्रवाई है।

अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, “मैं प्रसिद्ध वरिष्ठ अधिवक्ताओं इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर पर सीबीआई की छापेमारी की कड़ी निंदा करता हूं। कानून अपना काम करता है लेकिन कानून और संवैधानिक मूल्यों को कायम रखने में अपना जीवन लगाने वाले दिग्गजों को निशाना बनाना स्पष्ट रूप से बदले की कार्रवाई है।”