अब नारायण राणे ने दी भाजपा का दामन छोड़ने की चेतावनी

मुंबई। पुणे समाचार ऑनलाइन

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जहां सत्ताधारी भाजपा अपने रूठे हुए मित्र दलों को साथ मिलाने की कोशिशों में जुटी है, कल मुंबई में पार्टी की सालगिरह समारोह में खुद भाजपा हाइकमान अमित शाह और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना से पुनः गठबंधन की तैयारी दर्शायी, वहीं हालिया भाजपा के कोटे से राज्यसभा पर सांसद चुने गए पूर्व कांग्रेस नेता नारायण राणे ने शिवसेना से गठबंधन की सूरत में भाजपा का दामन छोड़ने की चेतावनी दी है। शनिवार को एक खबरिया चैनल से की गई बातचीत में उन्होंने शिवसेना के साथ दोस्ती को लेकर कड़ा विरोध जताया है।

कभी शिवसेना के साथ रहे नारायण राणे और शिवसेना के बीच 36 का आंकड़ा है। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के दौरान शिवसेना ने सत्ता से बाहर होने और भाजपा के साथ। दोस्ती तोड़ने की चेतावनी दी थी। हांलाकि भाजपा विशेष रूप से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस चेतावनी को नजरअंदाज किया। महाराष्ट्र स्वाभिमानी पार्टी की स्थापना करने के बाद राणे भाजपा प्रणीत एनडीए में शामिल हो गए। हालिया वे भाजपा के कोटे से राज्यसभा सांसद भी चुने गए। आगामी चुनावों के मद्देनजर भाजपा ने अपने रूठे हुए सहयोगी दलों को मनाने की शुरुआत कर दी है।

बीते दिन पार्टी के सालगिरह समारोह में शिवेसना के साथ पुनः गठबंधन के संकेत दिए गए। इस पर नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद नारायण राणे ने कड़ी आपत्ति जताई है। उनके भाजपा में प्रवेश को लेकर शिवसेना ने कड़ा विरोध जताया था, सत्ता से बाहर निकलने और भाजपा का साथ छोड़ने की धमकी भी दी थी। इसे राणे भूला नहीं पा रहे हैं। इसी के चलते उन्होंने आज भाजपा को अल्टीमेटम दिया कि अगर शिवसेना के साथ पुनः गठबंधन किया जाता है तो वे और उनकी पार्टी दोनों भी भाजपा प्रणीत एनडीए से बाहर होंगे। अगर शिवसेना उनके बारे में इतना अड़ियल रवैया अपना सकती है तो वे भाजपा के साथ बने रहने को उचित नहीं मानते। अब उनके इस रवैये पर भाजपा के खेमे से क्या प्रतिक्रिया आती है? इसकी उत्सुकता बढ़ गई है।