अब शायद अफगानिस्तान वापस आ जाएगा अल कायदा : ब्रिटिश रक्षा मंत्री

लंदन, 13 अगस्त (आईएएनएस)। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वालेस ने कहा है कि अफगानिस्तान में हालात बिगड़ते ही अल कायदा शायद वापस आ जाएगा।

स्काई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और तालिबान द्वारा हस्ताक्षरित एक समझौते को एक गलती और सड़ा हुआ बताते हुए, वालेस ने देश से सैनिकों को वापस लेने के वाशिंगटन के फैसले की अत्यधिक आलोचना की है।

अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर वालेस ने कहा, मैं पूरी तरह से चिंतित हूं कि विफल राष्ट्र उन प्रकार के लोगों के लिए प्रजनन आधार (ब्रिडिग ग्राउंड) हैं।

उन्होंने कहा, बेशक मैं चिंतित हूं, यही कारण है कि मैंने कहा कि मुझे लगा कि यह निर्णय लेने का सही समय नहीं था, क्योंकि निश्चित रूप से, अल कायदा शायद वापस आ जाएगा, जो कि निश्चित रूप से उस प्रकार के प्रजनन स्थल (आतंक के फलने-फूलने के लिए सही जगह) को पसंद करेगा।

ब्रिटिश रक्षा मंत्री ने आगे कहा, यही हम देखते हैं, दुनिया भर में विफल राष्ट्र अस्थिरता की ओर चले जाते हैं और हमारे तथा हमारे हितों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा कि यह उनका विचार है कि अफगानिस्तान से हटने के लिए तत्कालीन रिपब्लिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तहत कतर में 2020 में अमेरिका और तालिबान द्वारा हस्ताक्षरित सौदा एक गलती और सड़ा हुआ सौदा था।

ट्रम्प के उत्तराधिकारी, डेमोक्रेट पार्टी के जो बाइडेन ने जनवरी में पदभार ग्रहण करने के बाद से वापसी की समय सारिणी जारी रखी है।

वालेस ने सौदे के बारे में कहा, मैंने महसूस किया कि इसे इस तरह से करना एक गलती थी, कि हम सभी एक अंतरराष्ट्रीय समुदाय के रूप में इसके परिणामों का भुगतान करेंगे, लेकिन जब संयुक्त राज्य अमेरिका ने फ्रेमवर्क राष्ट्र के रूप में वह निर्णय लिया, जिस तरह से हम सभी को कॉन्फिगर किया गया था, उसका मतलब था कि हमें भी छोड़ना होगा।

स्काई न्यूज से बात करते हुए, पूर्व अंतर्राष्ट्रीय विकास सचिव रोरी स्टीवर्ट ने अफगानिस्तान की स्थिति को भयानक बताया और कहा, यह संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम द्वारा कुल मिलाकर विश्वासघात है।

उन्होंने इस बात की ओर भी इशारा किया कि जब अमेरिका ने ऐसा करने का फैसला किया तो अन्य देशों को बाहर निकलना पड़ा।

स्टीवर्ट ने तालिबान के बारे में कहा, यह आतंकवादियों से जुड़ा एक भयानक समूह है, वे अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में आत्मघाती बमबारी का समर्थन कर रहे हैं, लड़कियां स्कूल नहीं जा रही हैं और यह संयुक्त राज्य और यूनाइटेड किंगडम द्वारा कुल मिलाकर एक विश्वासघात ही है।

–आईएएनएस

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