अमेजन सबसे बड़ा वैश्विक कैंपस बना हैदराबाद की पहचान

हैदराबाद, 12 सितम्बर (आईएएनएस)| एफिल टॉवर की तुलना में 2.5 गुणा अधिक स्टील से निर्मित, जिसका बिल्ट अप एरिया 65 फुटबॉल के मैदानों के बराबर है और जिसमें एक हेलीपैड और 49 इलेवेटर्स हैं, जिसकी स्पीड प्रति सेकेंड एक फ्लोर है। ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन के दुनिया के सबसे बड़े कैंपस की यह इमारत अब हैदराबाद की नवीनतम पहचान बन गई है। एक प्रमुख आईटी क्लस्टर, फाइनेंशियल डिस्ट्रिक्ट में निर्मित, 18 लाख वर्ग फीट ऑफिस स्पेस वाला यह परिसर अमेरिका के बाहर अमेजॅन का पहला खुद के स्वामित्व वाला कार्यालय भवन है और विश्व स्तर पर अमेजन का सबसे बड़ा भवन है।

यह 9.5 एकड़ में फैला है और इस इमारत की ऊंचाई 282 फीट हैं। इसमें 15,000 से अधिक कर्मचारी काम कर सकते हैं।

विभिन्न कॉरपोरेट दिग्गजों के चमचमाते टॉवरों के बीच बना विशाल परिसर, 49 लिफ्टों से सुसज्जित है, जो प्रति सेकंड एक मंजिल की रफ्तार से चलता है। 30 लाख वर्गफीट क्षेत्र में निर्मित, यह क्षेत्र के संदर्भ में अमेजन की दुनिया की सबसे बड़ी इमारत भी है।

अमेजन के अधिकारियों का कहना है कि कुल निर्मित क्षेत्र 68 एकड़ या लगभग 65 फुटबॉल क्षेत्रों में फैला होगा। कुल निर्मित स्थान में से, 12 लाख वर्गफीट मनोरंजन और पार्किं ग के लिए रखा गया है।

हाल ही में फैसिलिटी के उद्घाटन के मौके पर अमेजन के उपाध्यक्ष और ग्लोबल रियल एस्टेट और फैसिलिटीज के निदेशक जॉन शॉटलर ने खुलासा किया, “परिसर में एफिल टॉवर से 2.5 गुना अधिक स्टील है।”

सर्वधर्म प्रार्थना कक्ष, एक मदर्स रूम, शांत कमरे, शावर, हेलीपैड और एक पूरे दिन खुला रहनेवाला कैफेटेरिया, परिसर की कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं, जो तीन साल की अल्प अवधि में बनाई गई हैं। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि इमारत की संरचना को समावेशी और विविधता को ध्यान में रखते हुए डिजायन किया गया है।

पिछले साल इस इमारत को सुरक्षित निर्माण प्रक्रिया के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद से गोल्डन ट्राफी और सर्टिफिकेट मिला था।

सॉफ्टवेयर दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट की पहले ही हैदराबाद में अपने अमेरिका स्थित मुख्यालय के बाहर सबसे बड़ी उपस्थिति है।

सर्च दिग्गज कंपनी गूगल भी अपने अमेरिकी मुख्यालय के बाहर अपने सबसे बड़े परिसर का निर्माण करने की योजना भी बना रहा है, जोकि फाइनेंसियल डिस्टिक में 7.2 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा। इसमें 13,000 कर्मचारियों के काम करने की उम्मीद है। इसके लिए 2015 में गूगल और तेलंगाना सरकार के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।