अमेरिका ने उमर शेख के बरी होने पर पाकिस्तान से मांगा जवाब

नई दिल्ली, 4 फरवरी (आईएएनएस)। अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल का सिरकटा शव मिलने के 2002 के मामले में आरोपी पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक को आजाद करने के पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पाकिस्तान पल्ला झाड़ रहा है। आरोपी को एक सरकारी रेस्ट हाउस में ठहराया गया था।

इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए, अमेरिकी कांग्रेस के 36 सदस्यों ने वाशिंगटन में पाकिस्तानी राजदूत असद मजीद खान को एक पत्र लिखा है। उन्होंने पाकिस्तान से आरोपी को बरी किए जाने की समीक्षा करने का आग्रह किया है।

पत्र में कहा गया है, फिर भी, आतंकवादी कृत्यों से पर्ल और अनगिनत अन्य लोगों की हत्या किए जाने के मामले में उन्हें न्याय दिलाने के लिए, आपसे निवेदन है कि आप यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी कोशिश करें कि पाकिस्तान सरकार आरोपी के बरी होने की पूरी समीक्षा करेगा।

उमर शेख एक जिहादी आतंकवादी है, जिसने डैनियल पर्ल को वॉल स्ट्रीट जर्नल के लिए साक्षात्कार देने के बहाने बुलाया था और उसे अल कायदा के सहयोगियों को सौंप दिया था।

9/11 के मास्टरमाइंड खालिद शेख मोहम्मद ने ग्वांतानामो बे में एक सैन्य न्यायाधिकरण के समक्ष सुनवाई के दौरान रिपोर्टर को धोखा देने, उसका सिर कलम करवाने की बात कबूली थी।

उमर शेख ने आतंकवादी अपहरण और नृशंस हत्या में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। शेख को पहले 1994 के अपहरण के बाद भारत द्वारा गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 31 दिसंबर, 1999 को भारत द्वारा मुक्त कराए गए आतंकवादी संदिग्धों में एक इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 पर बंधकों के बदले में था, जिसे अपहृत कर लिया गया और नेपाल से तत्कालीन तालिबान नियंत्रित अफगान के कंधार शहर ले जाया गया।

9/11 के बाद आतंक फैलाने के लिए अल कायदा की योजना के तहत पर्ल की हत्या कर दी गई। एक अमेरिकी अभियोग का पालन किया गया, लेकिन पाकिस्तान की सरकार ने शेख पर मुकदमा चलाने के बजाय उस पर मुकदमा चलाने का वादा किया।

साल 2013 में अपनी सजा के तुरंत बाद उमर शेख ने कहा था कि उसे उम्मीद है कि फांसी नहीं होगी। उसने काफिरों के लिए एक अरबी शब्द का उपयोग करते हुए कहा था कि यह इस्लाम और काफिरों के बीच एक निर्णायक युद्ध है।

शेख ने विश्वास जताया कि पाकिस्तान में जो शक्तियां हैं, वे अंतत: अविश्वासियों के बजाय एक सच्चे विश्वासी के साथ जुड़ेंगे। इसलिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया फैसला उसके आत्मविश्वास को दर्शाता है।

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र की वित्तीय कार्रवाई कार्य बल द्वारा निर्धारित आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

पाकिस्तान को अल कायदा, तालिबान और अन्य आतंकवादी संगठनों के बारहमासी समर्थन के लिए जाना जाता है।

(यह सामग्री इंडियानैरेटिवडॉटकॉम के साथ एक व्यवस्था के तहत दी जा रही है)

–आईएएनएस

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