अमेरिकी दूतावास कर्मचारियों की वापसी और सुरक्षा के लिए काबुल हवाईअड्डे पर सैनिक भेज रहा अमेरिका

वाशिंगटन, 13 अगस्त (आईएएनएस)। अमेरिकी सरकार ने घोषणा की है कि वह अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों की कमी का समर्थन करने के लिए काबुल हवाई अड्डे पर हजारों सैनिकों को तैनात करेगी, क्योंकि युद्धग्रस्त इलाकों में सुरक्षा की स्थिति लगातार बिगड़ जा रही है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस के हवाले से कहा, बढ़ती सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर हम काबुल में अपने नागरिकों की संख्या कम कर रहे हैं। हम आने वाले हफ्तों में अफगानिस्तान में एक प्रमुख राजनयिक उपस्थिति की ओर आकर्षित होने की उम्मीद करते हैं।

उन्होंने कहा, इस कमी को आसान बनाने के लिए, रक्षा विभाग हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अस्थायी रूप से अतिरिक्त कर्मियों को तैनात करेगा।

राज्य के सचिव एंटनी ब्लिंकन और पेंटागन के प्रमुख लॉयड ऑस्टिन ने योजना के समन्वय के लिए अफगान राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी के साथ फोन पर बात की।

साथ ही गुरुवार को पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने संवाददाताओं से कहा कि 24 से 48 घंटों के भीतर काबुल हवाई अड्डे पर तीन पैदल सेना बटालियन, लगभग 3,000 सैनिकों को तैनात किया जाएगा।

इसके अलावा, विशेष अप्रवासी वीजा (एसआईवी) के लिए अफगान आवेदकों के प्रसंस्करण की सुविधा के लिए संयुक्त अमेरिकी सेना और वायु सेना सहायता दल के लगभग 1,000 कर्मियों को कतर भेजा जाएगा।

अतिरिक्त बलों की आवश्यकता होने पर एक पैदल सेना ब्रिगेड का लड़ाकू दल अगले सप्ताह कुवैत पहुंचेगा।

किर्बी ने कहा, इस कदम को काबुल और उसके आसपास तेजी से बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को देखते हुए यह एक विवेकपूर्ण है। यह संकीर्ण फोकस वाला एक अस्थायी मिशन है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस समय देश में करीब 650 अमेरिकी सैनिक हैं और दूतावास में करीब 1400 अमेरिकी कर्मचारी हैं।

दूतावास के कर्मचारियों की कमी और सैन्य सु²ढीकरण की घोषणा तब हुई जब तालिबान आतंकवादियों ने देश भर में तेजी से सैन्य प्रगति की।

विद्रोही समूह ने गुरुवार को पूर्वी गजनी प्रांत की राजधानी गजनी शहर पर कब्जा कर लिया, जिससे अब तक कब्जा की गई प्रांतीय राजधानियों की संख्या एक सप्ताह से भी कम समय में 10 हो गई है।

युद्धग्रस्त देश में एक मई से अमेरिका के नेतृत्व वाली सेना की वापसी के बाद से हालात बिगड़ते जा रहे हैं।

हाल के हफ्तों में कई अफगान शहरों और देश के 34 प्रांतों में से लगभग आधे में अफगान बलों और तालिबान आतंकवादियों के बीच भारी लड़ाई और सड़क पर लड़ाई देखी गई है।

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिकी सेना को इस महीने के अंत तक अफगानिस्तान में अपने मिशन को समाप्त करने का आदेश दिया।

उन्होंने कहा, हम अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखेंगे। लेकिन मुझे अपने फैसले पर पछतावा नहीं है।

–आईएएनएस

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