डीटीसीपी अधिकारियों के अनुसार गुरुग्राम जिला एक शहरी और नियंत्रित क्षेत्र है, जिसमें कॉलोनी के विकास से पहले सक्षम प्राधिकारी से अनुमति लेनी होती है।
उल्लंघनकर्ता बिना किसी अनुमति के एक अवैध कॉलोनी विकसित कर रहे थे। इसके अलावा, वे कॉलोनी को 15 एकड़ से सटे जमीन पर भी विस्तारित करने की योजना बना रहे थे, क्योंकि साइट पर सड़क नेटवर्क बिछाने के लिए नए उत्खनन कार्य स्पष्ट थे, जबकि कई पेड़ भी उखड़े हुए मिले।
जिला टाउन प्लानर आरएस बाथ ने आईएएनएस को बताया चार निमार्णाधीन फार्महाउस संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया गया था, चारदीवारी और सड़क नेटवर्क को तोड़ दिया गया था।
इससे पहले 23 जून को सोहना नगर परिषद की एक टीम ने गुरुग्राम के रायसीना गांव में अरावली पर्वत श्रृंखला पर बने नौ अवैध फार्महाउस को ध्वस्त कर दिया था।
यह अभियान नौ अवैध फार्महाउसों पर चलाया गया जिसमें चारदीवारी, टीन शेड और स्तंभ शामिल थे।
विध्वंस अरावली अधिसूचना की धारा 4 के तहत किया गया था, जिसमें कहा गया है कि इन पहाड़ियों का उपयोग वृक्षारोपण के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता है।
यह दिसंबर 2020 से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के अनुपालन में किया गया था, जिसमें निर्देश दिया गया था कि गुरुग्राम की अरावली रेंज पर बने ऐसे सभी प्रतिष्ठानों को 31 जनवरी तक ढहा दिया जाए।
हाल ही में वन विभाग के सर्वेक्षण के अनुसार, गुरुग्राम में अरावली भूमि पर अवैध रूप से बनाए गए कम से कम 500 ऐसे फार्महाउस हैं, जो ग्वाल पहाड़ी, गैरतपुर बास, सोहना और मानेसर जैसे क्षेत्रों में केंद्रित हैं।
–आईएएनएस
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