अल्पसंख्यक, अजा, जजा के लिए कई योजनाएं शुरू : राष्ट्रपति

नई दिल्ली, 31 जनवरी (आईएएनएस)| राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को संसद के बजट सत्र के शुभारंभ अवसर पर अपने अभिभाषण में सामाजिक क्षेत्र में मोदी सरकार की उपलब्धियों का लेखा-जोखा पेश किया। राष्ट्रपति ने कहा, “मेरी सरकार दिव्यांगों के लिए बहुत कुछ कर रही है। अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं।” उन्होंने कहा, “आरक्षण में वृद्धि, कानूनी अधिकार में वृद्धि के साथ ही सरकार ने एक हजार से ज्यादा सरकारी भवनों और 700 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों को सुगम्य बनाया है। बीते 5 वर्षो में हजारों कैंप लगाकर दिव्यांगजनों को लगभग 900 करोड़ रुपये के उपकरण सरकार ने मुहैया कराए हैं।”

राष्ट्रपति के मुताबिक, सरकार द्वारा दिव्यांगजनों का नेशनल डेटाबेस बनाया जा रहा है और 25 लाख से ज्यादा दिव्यांगजनों को ई-यूनिक आइडेंटिफिकेशन कार्ड जारी किए जा चुके हैं। सरकार ने एक विशेष प्रयास शुरू किया था ‘इंडियन साइन लैंग्वेज डिक्शनरी’ का। अभी तक 6 हजार शब्दों की एक विशेष डिक्शनरी बनाई जा चुकी है।

कोविंद ने कहा, “मेरी सरकार अल्पसंख्यक समाज के कल्याण के लिए कृत संकल्प है। मोदी सरकार अल्पसंख्यक वर्ग की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक प्रगति के लिए भी निरंतर प्रयासरत है। हुनर हाट के जरिए अल्पसंख्यक वर्ग के 2 लाख 65 हजार हुनरमंद कारीगरों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। मुस्लिम छात्र-छात्राओं की शिक्षा निर्बाध जारी रहे, इसके लिए बड़ी तादाद में स्कॉलरशिप दी गई है।”

राष्ट्रपति ने कहा कि मोदी सरकार के विशेष आग्रह पर सऊदी अरब ने हज कोटा में अभूतपूर्व वृद्धि की थी, जिस वजह से इस बार रिकार्ड 2 लाख भारतीय मुस्लिमों ने हज में इबादत की। भारत पहला ऐसा देश है जिसमें हज की पूरी प्रक्रिया डिजिटल और ऑनलाइन की जा चुकी है। सरकार देशभर में वक्फ संपत्तियों का शत प्रतिशत डिजिटाइजेशन भी करा रही है जिससे इन संपत्तियों का उपयोग मुस्लिम समुदाय के भले के लिए किया जा सके।

कोविंद ने कहा कि आदिवासी जाति और जनजाति समुदाय के लिए भी सरकार ने उल्लेखनीय काम किए हैं। सरकार के कामों का बखान करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि देश के आदिवासी भाई-बहनों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए मेरी सरकार संकल्पबद्ध है। पहली बार किसी सरकार द्वारा वन उत्पादों पर एमएसपी का लाभ दिया गया है।

राष्ट्रपति बोले, “मेरी सरकार का विशेष बल आदिवासियों के स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास पर है। सरकार द्वारा कुछ सप्ताह पहले ही देश में 400 से ज्यादा एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल खोलने का अभियान शुरू किया गया है। हाल ही में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को लोकसभा और विधानसभा में मिलने वाला आरक्षण भी अगले दस वर्षो के लिए बढ़ाया जा चुका है।”