जियो टीवी की बुधवार की रिपोर्ट के अनुसार, सूचना प्रसारण मंत्री शिबली फराज की उपस्थिति में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वित्त पर प्रधानमंत्री के सलाहकार डॉ. अब्दुल हफीज शेख ने कहा कि अगले कुछ हफ्तों के भीतर देश में राजस्व और बिजली क्षेत्र में सुधारों पर चर्चा करने के लिए मिशन के सदस्य आ सकते हैं।
शेख ने कहा कि पाकिस्तान के सांख्यिकी ब्यूरो ने पिछले तीन हफ्तों में खाद्य मुद्रास्फीति के रुझान में गिरावट देखी है। उन्होंने कहा कि 20-22 लाख टन की कमी के कारण गेहूं का आयात करने से कमोडिटी की कीमत में कमी आई है और सरकार मुद्रास्फीति को कम करने के लिए प्रयास कर रही है।
सलाहकार ने दावा किया कि पिछले चार महीनों में पाकिस्तान के सार्वजनिक ऋण में कोई वृद्धि नहीं देखी गई। उन्होंने कहा, यह 30 जून 2020 के साथ 30 अक्टूबर 2020 तक 36.4 रुपए ट्रिलियन पर स्थिर रहा। यह दर्शाता है कि सरकार सख्त वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित कर रही थी।
स्वतंत्र अर्थशास्त्रियों का कहना है कि पहले चार महीनों के दौरान जब देश में बजट की कमी देखी गई थी, इस रिकवरी को सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी कहा जा सकता है। अन्यथा, सरकार को अपने घाटे का वित्तपोषण करने के लिए उधार लेना होगा।
शेख ने कहा कि प्रशासन ने पिछले साल के चालू खाते के घाटे को 20 अरब डॉलर से घटाकर 3 अरब डॉलर कर दिया है और पिछले दो वर्षो में सार्वजनिक ऋण पर ब्याज के रूप में 5,000 अरब रुपये का भुगतान किया है।
शेख ने कहा कि रुपया स्थिर रहा, विदेशी मुद्रा भंडार 13 अरब डॉलर तक पहुंच गया और फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू ने चार महीने में 1,340 रुपये अरब का लक्ष्य हासिल कर लिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले वित्तवर्ष की इस अवधि के दौरान पहले चार महीनों में रिफंड में 128 रुपये अरब का भुगतान किया।
–आईएएनएस
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