आज की टीम में बने रहने के लिए रोज होता है संघर्ष : आशिक कुरूनियन

बेंगलुरू, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)| आशिक कुरुनियन आज भारतीय फुटबाल में सबसे चर्चित चेहरों में से एक हैं। अपनी प्रतिभा के दम पर आईएसएल में एफसी पुणे सिटी के बाद बेंगलुरू एफसी और फिर राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने वाले केरल निवासी कुरुनियन मानते हैं कि अब भारतीय फुटबाल काफी प्रतिस्पर्धी हो चुकी है क्योंकि आज की भारतीय टीम में जगह बनाए रखने के लिए हर रोज संघर्ष करना होता है। आशिक की चर्चा इन दिनों सब ओर है। वह मैदान पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। आशिक इसे सकारात्मक रूप से लेते हैं। वह कहते हैं, “जब लोग किसी युवा खिलाड़ी के बारे में इस तरह की बातें करते हैं तो इससे उसे मोटीवेशन मिलता है। सभी युवा खिलाड़ी शानदार हैं और टीम में जगह बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। भारत में कई युवा खिलाड़ी आगे आ रहे हैं। एक युवा खिलाड़ी होने के नाते मैं जानता हूं कि सीनियरों की चर्चा से मुझे प्रेरणा मिलती है और इसी के दम पर मैं टीम में बने रहने के लिए अपना संघर्ष जारी रखे हुए हूं।”

कुरूनियन ने एफसी पुणे सिटी का साथ छोड़कर बेंगलुरू एफसी के साथ जुड़ने का फैसला करके सबको हैरान कर दिया था। वह भारतीय फुटबाल प्रेमियों के सबसे ताजातरीन चहेते खिलाड़ी हैं। आशिक मानते हैं कि यह बहुत बड़ा सम्मान है।

आशिक ने कहा, “राष्ट्रीय टीम के साथ जीवन काफी शानदार है। देश के लिए खेलना मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत बड़ी बात है। मैं टीम में अपनी जगह सुरक्षित रखने का प्रयास कर रहा हूं क्योंकि हर मैच के बाद ऐसा करने के बहुत कम मौके बनते हैं। मैं एकादश में निरंतर अच्छा प्रदर्शन करते रहना चाहता हूं। लोगों का प्यार मिलना और भी सम्मान की बात है। इससे यह अहसास होता है कि आपकी मेहनत सही दिशा में जा रही है।”

एफसी पुणे सिटी छोड़कर बेंगलुरू एफसी आने के सवाल पर आशिक ने कहा, ” मेरे लिए यह टर्निग प्वाइंट था। खासतौर पर इसलिए क्योंकि मैंने यहां चार साल के लिए करार किया है। लम्बे समय तक ऐसे क्लब के साथ रहना मेरे करियर के लिए काफी अच्छा है। आपके पास क्लब और खिलाड़ियों के साथ अलग तरह का संबंध बनाने का मौका होता है। इस तरह के पेशेवर क्लब के लिए खेलने का मौका मिलना मेरे लिए शानदार पल है और मैं इससे खुश हूं।”

कुरुनियन ने हालांकि, कहा कि एफसी पुणे सिटी उनके फुटबालिंग करियर का अहम हिस्सा रहा है। बकौल कुरुनियन, “मैं पांच साल पहले पुणे आया था। उस समय मैं पुणे अकादमी में बच्चा था। दो साल तक मैं अकादमी में खेला और फिर सीनियर टीम में आया। मैंने आईएसएल खेला और राष्ट्रीय टीम में शामिल हुआ। इस कारण यह क्लब मेरे करियर का अहम पड़ाव है। मैं इस क्लब, उसके मैनेजमेंट, स्टाफ और उसके फैन्स को धन्यवाद कहना चाहूंगा।”