वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में पेश किए गए सर्वेक्षण के दौरान दीर्घकालिक सुधार उपायों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मध्यम से दीर्घावधि में विकास प्रभावित होने की संभावना को खत्म करने के लिए सरकार कई बुनियादी सुधारों को शुरू करने में बेहद सक्रिय रही है, लेकिन यह भी कहा गया है कि उनका प्रभाव मध्यम से दीर्घकाल में ही प्रकट होगा।
इसमें सुझाव दिया गया है कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि अर्थव्यवस्था की सेहत अच्छी बनी रहे, इसलिए इन महत्वपूर्ण सुधारों का पूरा लाभ उठाने के लिए मध्यम और दीर्घकालिक के बीच आर्थिक सेतु बनाना होगा।
कई अर्थशास्त्रियों के अनुसार, हालांकि सरकार ने व्यवसायों को सहायता देने और राहत देने के लिए कई उपाय किए हैं, लेकिन मांग को आगे बढ़ाने के कदम सुस्त पड़े हैं। आपूर्ति को बढ़ाने को लेकर सराहना भी की गई है।
इसके अलावा कई उद्योग प्रतिनिधियों की ओर से इस मुद्दे को कई मंचों पर उठाया गया है। हालांकि सुधार उपायों का स्वागत है। वे केवल लंबे समय में बदलावों को प्रतिबिंबित करेंगे, जबकि व्यवसायों और आम आदमी को तत्काल राहत की आवश्यकता है।
–आईएएनएस
एकेके-एसकेपी