आसान नहीं होगा चोकसी को सीधे भारत भेजना

नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)। एंटीगुआ और बरबुडा के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने कहा है कि तीन दिनों तक लापता रहने के बाद डोमिनिका में पकड़े गए भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को भारत भेजने की जरूरत है, जहां वह अपने खिलाफ लगे आपराधिक आरोपों का सामना कर सके।

दूसरी ओर, चोकसी के वकील विजय अग्रवाल का कहना है कि जिस क्षण गीतांजलि समूह के अध्यक्ष और व्यापारी, चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर ली, वह भारत का नागरिक नहीं रह गया है । इसलिए कानूनी रूप से आव्रजन और पासपोर्ट अधिनियम की धारा 17 और 23 के अनुसार, वह केवल एंटीगुआ भेजा जा सकता है।

एंटीगुआ न्यूज रूम, एक मीडिया आउटलेट ने ब्राउन के हवाले से एंटीगुआ और बरबुडा में पत्रकारों से कहा, हमने उन्हें एंटीगुआ वापस नहीं भेजने के लिए कहा। उसे भारत लौटने की जरूरत है जहां वह अपने खिलाफ लगाए गए आपराधिक आरोपों का सामना कर सके।

एंटीगुआ ऑब्जर्वर ने यह भी कहा कि ब्राउन ने कथित तौर पर भारत में मीडिया को बताया है कि उन्होंने डोमिनिकन सरकार से चोकसी को उनके देश में अवैध रूप से प्रवेश करने के लिए हिरासत में लेने के लिए कहा है। एंटिगुआ ऑब्जर्वर ने बताया, ब्राउन ने कहा है कि डोमिनिका के अधिकारियों ने चोकसी को नॉन ग्रेटा बना दिया है और उसे सीधे भारत भेज दिया है।

13,500 करोड़ रुपये से अधिक के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ऋण धोखाधड़ी मामले में सीबीआई और ईडी द्वारा वांछित चोकसी को बुधवार को डोमिनिका में हिरासत में ले लिया गया है।

चोकसी के रविवार को एंटीगुआ और बारबुडा से लापता होने की सूचना मिली थी, जहां उसने नागरिकता ले ली थी, जिससे भगोड़े व्यवसायी की तलाश शुरू की गई।

एंटीगुआ ऑब्जर्वर ने यह भी बताया कि चोकसी डोमिनिका में आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) की हिरासत में है।

सीबीआई के अनुसार, चोकसी अपनी नागरिकता और भारत प्रत्यर्पण से संबंधित दो मामलों में एंटीगुआ में लड़ रहा है। वह 2017 में एंटीगुआ में नागरिकता लेने के बाद भारत से भाग गया था, जहां अमीर विदेशी वहां निवेश करने के बदले नागरिक बन सकते हैं।

अग्रवाल ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, भारतीय नागरिकता अधिनियम की धारा 9 के अनुसार, जिस क्षण चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता हासिल की, वह भारत का नागरिक नहीं रह गया। इसलिए कानूनी तौर पर उसे केवल एंटीगुआ भेजा जा सकता है।

अग्रवाल ने कहा, इसके अलावा, चूंकि भारत से किसी भी अनुरोध को संसाधित करने पर रोक लगाने वाला एंटीगुआन उच्च न्यायालय का आदेश है, इसलिए मेरी समझ यह है कि उसे केवल एंटीगुआ वापस भेजा जाना है और उसे भारत भेजे जाने का कोई सवाल ही नहीं है।

उन्होंने कहा, जब तक चोकसी से पता नहीं चलता कि वह डोमिनिका में कैसे पहुंचा, तब तक कोई अटकलें नहीं लगाई जानी चाहिए, मेरी समझ यह है कि उसका डोमिनिका पहुंचना स्वैच्छिक नहीं है।

अग्रवाल ने यह भी कहा, मुझे कुछ गड़बड़ लग रहा है कि कोई भी इस समय इस तथ्य को नहीं देख रहा है कि वह वास्तव में डोमिनिका कैसे पहुंचा।

अग्रवाल ने कहा, आगे मानव अधिकार की सार्वभौमिक घोषणा के अनुसार स्वैच्छिक प्रत्यावर्तन पर अंतरराष्ट्रीय अनुबंध हैं और एक व्यक्ति को केवल उसकी नागरिकता वाले देश में भेजा जा सकता है।

सीबीआई सूत्रों ने यहां बताया कि इंटरपोल द्वारा पूर्व में जारी रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर उसे पकड़ा गया था।

13,500 करोड़ रुपये से अधिक के पीएनबी धोखाधड़ी मामले में आरोपी चोकसी अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ 4 जनवरी, 2018 से एंटीगुआ और बरबुडा में रह रहा है।

मामले में अलग-अलग चार्जशीट दाखिल करने वाली सीबीआई और ईडी चोकसी के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है।

–आईएएनएस

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