इंडिया इन्फोलाइन ने अच्छे रिटर्न का अच्छा विकल्प दिया

पुुुणे : समाचार ऑनलाइन – जमाराशियों पर ब्याज की दर में लगातार कमी हो रही है. इस स्थिति में आकर्षक व सुरक्षित रिटर्न ने हेतु इंडिया इन्फोलाइन फाइनेंस कंपनी (आईआईएफएल) ने नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर के माध्यम से उपयुक्त विकल्प उपलब्ध कराया है. नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर के माध्यम से निवेशकों को औसतन 9% से ज्यादा रिटर्न दिया जाएगा. डिबेंचर की बिक्री 6 अगस्त से शुरू की गई है. इसके अंतर्गत कम से कम 10 हजार रुपए का निवेश करना होगा. यह जानकारी कंपनी के एसोसिएट डायरेक्टर नितिन मुडे ने सोमवार को पौड रोड स्थित कार्यालय में आयोजित पत्रकार-वार्ता में दी. यहां एसोसएट वाइस प्रेसीडेंट प्रशांत गुप्ता भी उपस्थित थे.

इंडिया इन्फोलाइन गेयर बैंकिंग फाइनेंस कंपनी है उन्होंने बताया कि इंडिया इन्फोलाइन गेयर बैंकिंग फाइनेंस कंपनी है. यह कंपनी गोल्ड लोन, हाउसिंग लोन, कंस्ट्रक्शन फाइनेंस, लोन अगेन्स्ट प्रॉपर्टी, कैपिटल मार्केट लोन आदि क्षेत्रों में भी कार्यरत है. कंपनी द्वारा सिक्योर्ड एवं अनसिक्योर्ड दोनों प्रकार के डिबेंचर बेचे जाएंगे. ये सभी डिबेंचर बीएसई एवं एनएसई में सूचिबद्ध होंगे. एक डिबेंचर का मूल्य 1,000 रुपए रहेगा तथा इसके जरिए 1,000 करोड़ का फंड जुटाया जाएगा. उसका उपयोग गोल्ड लोन देने के लिए किया जाएगा.

कंपनी के गोल्ड लोन के ग्राहक हैं नितिन मुडे ने कहा, ङ्गउपनगरों एवं तहसील आदि के छोटे व्यापारी, व्यवसायी व पानवाले कंपनी के गोल्ड लोन के ग्राहक हैं. देश में कंपनी की 1,947 शाखाएं कार्यरत हैं. उनमें महाराष्ट्र में कार्यरत 185 शाखाएं शामिल हैं. जारी वित्त वर्ष में शाखाओं की संख्या में वृद्धि की जाएगी. कंपनी के कुल व्यवसाय में महाराष्ट्र का हिस्सा 20% है. बैंक से लोन लेना फिलहाल जटिल कार्य है. यह हमारे व्यवसाय में वृद्धि के लिए उपयुक्त वातावरण है. हम रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित शर्तों के अनुसार लोन देते हैं, इसलिए हमारे बकायाधारकों की संख्या बहुत कम हैं. आईआईएफएल का कुल एनपीए 1.9% तथा नेट एनपीए 0.6% है. कुल कैपिटल एडिक्वेसी रेशो (सीएआर) मार्च 2019 के अंत तक 19.2% से ज्यादा पहुंच गया व उसमें प्रथम श्रेणी का 16.0% निवेश शामिल है. नियामक आवश्यकता के अनुसार यह प्रमाण क्रमश: 15% व 10% होना जरूरी है. बैंको की ब्याज दर हमारी कंपनी से कम है, मगर बैंक 5 लाख से 20 लाख रुपए तक लोन लेने वाले लोगों तक नहीं पहुंच पाते. हम उस कमी को दूर कर रहे हैं