इनपुट टैक्स क्रेडिट में धोखाधड़ी कर रहे आदमी को डीजीजीआई अधिकारियों ने किया गिरफ्तार

नई दिल्ली, 11 मार्च (आईएएनएस)। हरियाणा के डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) की गुरुग्राम जोनल यूनिट (जीजेडयू) ने नई दिल्ली के निवासी रविंद्र कुमार (उर्फ रविंदर गर्ग) को जाली दस्तावेजों के जरिए कई फर्म बनाने और उन्हें संचालित करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

डीजीजीआई के अनुसार इन फर्जी फर्मों का इस्तेमाल फर्जी चालान के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने और पारित करने में किया जाता था। इस मामले को लेकर की गई जांच में पता चला है कि आरोपियों ने पेपर पर कई ऐसी फर्म बनाई, जो हरियाणा, नई दिल्ली और झारखंड में कई लोगों के स्वामित्व में या पार्टनरशिप में चलाई जा रही हैं। इतना ही नहीं कई बार समय जारी किए जाने के बाद भी जांच अधिकारियों के सामने पेश नहीं हुआ।

डीजीजीआई ने कहा कि रवींद्र कुमार फरार था और बार-बार अपने ठिकाने बदल रहा था, लेकिन अधिकारी लगातार उसकी जगहों पर नजर रखे हुए थे और आखिरकार वे उसे दबोचने में सफल हुए।

डीजीजीआई ने कहा कि उसने कागजों पर 2 निजी लिमिटेड कंपनियां बनाईं, जिसमें एक पार्टनरशिप फर्म है और दूसरी कई प्रोप्राइटरशिप फर्मों का समूह है। इन कंपनियों के जरिए उसने बिना किसी माल के 237.98 करोड़ रुपये के नकली चालान बनाए और 43 करोड़ रुपये से अधिक की नकली आईटीसी पास की।

जांच में सामने आया कि दिल्ली और हरियाणा के कई जगहों पर जाली दस्तावेजों के जरिए फर्म बनाने के इस रैकेट का मास्टर माइंड रवींद्र कुमार है। कुमार को 9 मार्च को गिरफ्तार किया गया और नई दिल्ली के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत पर भेज दिया। अभी मामले में आगे की जांच चल रही है।

–आईएएनएस

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