उइगर महिलाओं को चीन के जबरन नसबंदी अभियान का सामना करना पड़ा

नई दिल्ली, 2 जुलाई (आईएएनएस)। शिविरों में उइगर महिलाओं के खिलाफ किए गए सबसे क्रूर अत्याचारों में से एक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की जबरन नसबंदी अभियान है।

कई रिपोटरें में, द वाशिंगटन टाइम्स ने कहा है कि महिलाओं को उनके बांझपन की ओर ले जाने वाले शॉट्स दिए जाते हैं जो सीसीपी के अंतिम उद्देश्य उइगर जाति के उन्मूलन को रेखांकित करते हैं।

हर दिन, बहुत से उइगरों को इन शिविरों में लाया जाता है, जहां वे अपने विश्वास, संस्कृति और अपने शरीर पर हमलों का सामना करते हैं।

यह नरसंहार युद्ध एक स्वतंत्र समूह के रूप में लोगों का सफाया करने की कोशिश है।

उइगर, मुख्य रूप से मुस्लिम लोग, दशकों से बीजिंग सरकार के निशाने पर हैं, जो चीनी शासन के तहत क्षेत्र को उपनिवेश बनाए रखने के लिए बेरहमी से दमन के अभियान चलाते हैं।

जैसा कि वाशिंगटन टाइम्स ने बताया कि दुर्भाग्य से हाल के सालों में ये दमनकारी अभियान केवल बढ़े नहीं बल्कि ज्यादा आक्रामक होते जा रहे हैं।

हाल के अनुमानों से पता चला है कि लाखों उइगर इन शिविरों के अंदर और बाहर जा रहे हैं।

–आईएएनएस

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