उत्तरी महाराष्ट्र में भगवा गठबंधन को मिल रही कड़ी टक्कर

 मुंबई, 9 अप्रैल (आईएएनएस)| लोकसभा चुनाव में 8 सीटों के लिए महाराष्ट्र के उत्तरी क्षेत्र में शासित भारतीय जनता पार्टी-शिवसेना और विपक्षी दलों के बीच इस बार कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है।

 वर्ष 2014 में मोदी लहर के दौरान भाजपा-शिवसेना गठजोड़ ने कांग्रेस का सूपड़ा पूरी तरह से साफ कर दिया था। इनमें ज्यादातर क्षेत्र कांग्रेस के मजबूत गढ़ थे। इस बार चुनाव में कांग्रेस ने अपने किले को वापस पाने के लिए कमर कस ली है।

जहां 23 अप्रैल को जलगांव, रावेर और अहमदनगर में मतदान होगा, वहीं शिरडी, नासिक, डिंडोरी, धुले और नंदूरबार में 29 अप्रैल को मतदान होगा। इन क्षेत्रों में 6 सीटों पर भाजपा और 2 सीटों पर भाजपा-शिवसेना गठबंधन चुनाव लड़ रहा है।

ये आदिवासी बहुल इलाके हैं। यहां के ज्यादातर बच्चे कुपोषण के शिकार हैं, जिनकी खबरें आए दिन चर्चा का विषय बनी रहती हैं।

हालांकि पिछले महीने महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल के डॉक्टर बेटे सुजय का भाजपा में शामिल होना मीडिया की सुर्खियों में रहा।

भाजपा ने सुजय को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रत्याशी संग्राम जगताप के खिलाफ चुनाव का टिकट दिया है। वहीं विकास के प्रति राकांपा के ढीले रवैये के कारण राधाकृष्ण ने भी कांग्रेस-राकांपा गठजोड़ सीट से चुनाव लड़ रहे जगताप के लिए प्रचार करने से मना कर दिया है। इसका सीधा फायदा उनके बेटे सुजय को मिल सकता है।

नासिक में भाजपा के पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन के भतीजे व राकांपा प्रत्याशी समीर भुजबल ने सेना के प्रत्याशी व सांसद हेमंत गोडसे को चुनौती दी है।

वर्ष 2009 में समीर भुजबल गोडसे के खिलाफ चुनाव में विजयी हुए थे। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा समीर और छगन दोनों पर कालाधन मामले पर मुकदमा दायर किया गया है, जिसमें समीर को डेढ़ साल और छगन को दो साल की कैद हुई है।

मुंबई के पूर्व महापौर और शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के करीबी रहे छगन भुजबल ने 1991 में कांग्रेस सरकार द्वारा मंत्रालय के प्रस्ताव पर शिवसेना से इस्तीफा दे दिया था।

इस बार महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना समीर भुजबल और कांग्रेस-राकांपा प्रत्याशियों का सर्मथन कर रही है, जिससे गोडसे की जीत की राह आसान नहीं होगी।

राज्य के सुरक्षा मंत्री सुभाष भामरे (भाजपा) अपनी प्रतिष्ठित सीट धुले से एक बार फिर कांग्रेस के विधायक कुणाल आर.पाटिल के खिलाफ खड़े हैं, जो पार्टी के पूर्व नेता रोहिदास पाटिल के बेटे हैं।

इसके अलावा भाजपा प्रत्याशी हीना गावित के लिए नंदूरबार में कांग्रेस प्रत्याशी के.सी. पदवी के खिलाफ चुनाव लड़ना भी चुनौतियों से भरा है।