उप्र : अवैध खनन के खिलाफ किसानों का केन नदी में ‘जल सत्याग्रह’

बांदा, 20 मई (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में पेयजल संकट के निदान और केन नदी में अवैध बालू खनन के खिलाफ छह दिनों से अनशनरत किसानों ने सोमवार को लगभग तीन घंटे तक जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया, उसके बाद में किसानों ने केन नदी की जलधारा में ‘जल सत्याग्रह’ शुरू कर दिया।

बांदा जिले में छाए पेयजल संकट और केन नदी में मशीनों से किए जा रहे अवैध खनन के खिलाफ जिले के किसान पिछले छह दिनों से मुख्यालय पर अनशन पर बैठे हुए हैं। सोमवार को दोपहर में किसानों का हुजूम पहले जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा और करीब तीन घंटे तक घेराव किया तथा अपनी मांगों के समर्थन में एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा।

इसके बाद किसान केन नदी की ओर कूच कर गए। वहां किसानों ने जलधारा के बीच ‘जल सत्याग्रह’ शुरू कर दिया। इस बीच नदी पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी किसानों की मान-मनव्वल करते रहे, लेकिन किसान आंदोलन समाप्त करने को राजी नहीं हुए।

सिटी मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार ने बताया, “किसान संगठन का एक ज्ञापन उन्हें मिल है, जिसमें पेयजल व्यवस्था ठीक करने और केन नदी में अवैध खनन बंद करने की मांग की गई है। किसानों की समस्याओं के निपटारे के प्रयास किए जा रहे हैं।”

आंदोलन के अगुआ और बुंदेलखंड किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल शर्मा ने कहा, “अब यहां के किसानों में जबरदस्त जागरूकता आई है, अपना हक छीन कर लेंगे। जब तक पेयजल का संकट दूर नहीं किया जाता और केन नदी से बालू का अवैध खनन बंद नहीं होता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।”