उप्र : मंत्रिमंडल ने 7 प्रस्तावों को मंजूरी दी, गोवंश संरक्षण पर मुहर

 लखनऊ, 28 मई (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कुल सात महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई।

  आवारा पशुओं से किसानों को होने वाली परेशानी पर सरकार ने ध्यान आकृष्ट किया है। इसके लिए गोवंश संरक्षण नियमावली में बदलाव किया गया है। इसमें गौ आश्रय स्थल के संचालन की नियमावली बनाई गई है। इसके लिए कार्पस फंड बनाया जाएगा।

प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री एवं प्रदेश प्रवक्ता सिद्घार्थ नाथ सिंह ने बताया कि “उप्र गोवंश सरंक्षण एवं संवर्धन कोष नियमावली-2019 पर मुहर लग गई है। अब गौ आश्रय स्थल के संचालन की नियमावली बन गई है। इसके लिए कार्पस फंड बनेगा। इसमें दान और चंदा, केंद्र व सरकारी विभाग के सहयोग से, मंडी परिषद की आय से दो प्रतिशत, यूपीडा के टोल से 0़ 5 प्रतिशत और राजस्व परिषद की आय से एक प्रतिशत की व्यवस्था की जाएगी।”

उन्होंने बताया, “उत्तर प्रदेश गन्ना (आपूर्ति-विनियमन एवं क्रय) अधिनियम, 1953 की धारा-18 में विधायी संशोधन और उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 में संशोधन प्रस्ताव पास किया गया है। कमीशन को हटाकर अंशदान शब्द रख दिया गया है। इससे टैक्स लाइबिलिटी बढ़ जाती थी। पिछले दो साल में 1़ 67 करोड़ रुपये टैक्स में चले गए।”

बैठक में लोकसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आभार और जनता के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया गया। वहीं, शांतिपूर्ण चुनाव के लिए सभी घटाकों के प्रति भी आभार जताया गया।

सिंह ने कहा, “अमेठी स्थित डिग्री कॉलेज को लोहिया विश्वविद्यालय, अयोध्या से सम्बद्घ किया गया है। अभी तक यह कानपुर विश्विद्यालय से संबद्घ रहा है। राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम-1973, 1975 में संशोधन का प्रस्ताव पारित किया गया।”

इसके अलावा 31 मार्च, 2018 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में शराब के उत्पादन व बिक्री के मूल्य निर्धारण के संबंध में सीएजी की रिपोर्ट विधानमंडल के समक्ष पेश करने के लिए राज्यपाल की सहमति लेने को भी मंजूरी दी गई।

उन्होंने बताया, “कैबिनेट बैठक में चालू सत्र के लिए राज्य सरकार की स्थानांतरण नीति में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। स्थानांतरण नीति में संशोधन के जरिए राज्य कर्मचारियों के तबादलों के लिए अंतिम समयसीमा को 31 मई से बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है।”

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के बाद हुई यह कैबिनेट बैठक तकरीबन ढाई माह बाद आयोजित की गई है।