उप्र में महाशिवरात्रि पर सजे शिवालय, आस्थावानों की लगी कतारें

वाराणसी, 11 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में महाषिवरात्रि पर्व की धूम मची है। गुरूवार की सुबह से ही मंदिरों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालु उमड़ने लगे। घरों में भी माहौल भक्तिमय हो गया था। भगवान शिव के भजन गाये जा रहे थे। भक्तों को मंदिर परिसर में किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो जिसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए गए थे।

काशी आधी रात के बाद से ही बम बम है। आस्थावानों के जयकारे और उद्घोष के साथ ही शिवालयों पर आस्था की कतार जलाभिषेक के लिए उमड़ी तो लगा मानो आस्था का पूरा सागर ही उमड़ पड़ा हो। तड़के गंगा स्नान करने के बाद लोगों ने जल भरकर बाबा दरबार की ओर रुख किया तो परिसर हर हर बम- बम से गूंज उठा।

महाशिवरात्रि पर्व के मौके पर सारनाथ स्थित सारंगनाथ महादेव मंदिर पर दर्शन पूजन के लिए सुबह से ही आस्था की कतार लगी रही। कतारें दोपहर तक लगी रहीं। राजधानी लखनऊ के मनकामेश्वर, बाराबंकी लोधेश्वर, भदोही, मीर्जापुर, चंदौली, गाजीपुर और बलिया आदि जिलों में सुबह से ही गंगा नदी में स्नान करने वालों की भीड़ लगी रही। जबकि मऊ, आजमगढ़ और बलिया जिले में सरयू नदी के तट पर भी स्नान दान की परंपरा का निर्वहन किया गया। सोनभद्र में सोन नदी और जौनपुर में गोमती नदी के तट पर आस्थावानों ने स्नान दान कर अपनी आस्था प्रकट की।

दोपहर तक बाबा दरबार में करीब डेढ़ लाख लोगों ने बाबा दरबार में दर्शन पूजन कर लिया तो लोगों की भीड़ भी कम हो चली। वहीं मैदागिन से चौक थाने वाली कतार खाली होने से यातायात भी बहाल हो गया। हालांकि, लक्सा लाइन दोपहर तक पूरी तरह आस्थावानों से भरी रही। दोपहर में धूप और चटख हुई तो आस्थावानों ने सिर ढंककर अपनी बारी का इंतजार किया।

काशी विश्वनाथ स्थित बाबा दरबार के अलावा बीएचयू विश्वनाथ दरबार, रामेश्वर, तिलभांडेश्वर महादेव, मारकंडेश्वर महादेव आदि प्रमुख शिवालयों में आस्थावानों की भीड़ उमड़ी। गंग -गोमती संगम स्थल के अलावा विभिन्न घाटों पर शिवालयों में लोगों ने जलाभिषेक कर अपनी आस्था व्यक्त की। गंगा घाट से लेकर एक ओर कतार बाबा दरबार तक थी, तो दूसरी ओर मैदागिन और चर्च के पास से भी बाबा दरबार तक लोगों की अनवरत कतार दिन चढ़ने तक बरकरार रही।

इस बार दर्शन को लेकर विशेष व्यवस्था की गई है। कॉरिडोर निर्माण के बावजूद भी दूर दराज से आने वाले भक्तों को किसी प्रकार की समस्या न हो इसका ध्यान रखा जा रहा है। मंदिर लगातार 48 घंटे खुला रहेगा। दर्शन के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत भक्तों को न हो इसका ध्यान रखा जा रहा है।

भक्तों की भीड़ के अनुमान को देखते हुए स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी गई है। भक्तों को बाबा विश्वनाथ के झांकी दर्शन ही प्राप्त हो रहे हैं। किसी को भी गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं है। जल एवं दूध अर्पण करने के लिए गर्भगृह के चारों द्वारों के बाहर पीतल के विशाल पात्र लगाए गए हैं। इनके नीचे लगी तांबे की प्लेट के माध्यम से जल एवं दूध बाबा के गर्भगृह तक जा रहा है। बाबा के गर्भ गृह की गतिविधियां लाइव दिखाने के लिए कॉरिडोर में विशाल एलईडी स्क्रीन लगाई गई है। मैदागिन, गोदौलिया चौक क्षेत्र में साउंड सिस्टम से तमाम आवश्यक जानकारियां उपलब्ध कराई जा रही हैं।

महाशिवरात्रि पर श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर बुधवार की शाम से ही आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के 30 कमांडो तैनात कर दिए गए। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभालने वाली फोर्स का नेतृत्व एडिशनल एसपी, पैरामिल्रिटी फोर्स के जवान भी सुरक्षा में मुस्तैद हैं।

–आईएएनएस

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