एक पब्लिक पॉलिसी स्कूल में ही करें अर्थशास्त्र का अध्ययन : बालासुब्रमण्यम

नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। जिंदल स्कूल ऑफ गवर्नमेंट एंड पब्लिक पॉलिसी (जेएसजीपी), ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के उद्घाटन व्याख्यान में विख्यात डेवलपमेंट स्कॉलर और हाल ही में बनाए गए क्षमता निर्माण आयोग (कैपेसिटी बिल्डिंग कमीशन) के सदस्य डॉ. आर. बालसुब्रमण्यम ने छात्रों से भारत के प्रमुख सार्वजनिक नीति (पब्लिक पॉलिसी) स्कूल में बौद्धिक रूप से उत्तेजक पारिस्थितिकी तंत्र का अधिकतम लाभ उठाने की अपील की।

उन्होंने कहा, एक सार्वजनिक नीति स्कूल अर्थशास्त्र के छात्रों के लिए क्या कर सकता है कि यह उन्हें दयालुवान बना सकता है। यह उन्हें अर्थशास्त्र की मानवीय समझ देता है, जबकि एक शुद्ध अर्थशास्त्र स्कूल यह नहीं दे सकता है। इसलिए, यदि आपको अर्थशास्त्र का अध्ययन करना है, एक सार्वजनिक नीति यानी पब्लिक पॉलिसी स्कूल चुनें।

छात्रों को अपने संबोधन में, जेएसजीपी के डीन प्रो. आर. सुदर्शन ने उनसे प्राकृतिक विज्ञानों के पारंपरिक ज्ञान से अलग होने का आग्रह किया, जो अन्य चीजों को समान मानते हुए या बाकी सब एक सा होने की परिकल्पना का परीक्षण करता है। हालांकि, सभी बातों पर विचार किया जाना चाहिए, जो सार्वजनिक नीतियों को डिजाइन करने का आधार होनी चाहिए।

ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. सी. राज कुमार ने भारत में एक तरफ नीति की वाक्पटुता और दूसरी ओर इसके कार्यान्वयन की वास्तविकता के बीच की खाई को भरने की दिशा में डॉ. बालासुब्रमण्यम के लगातार प्रयासों की सराहना की।

अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. बालासुब्रमण्यम ने बताया कि कोविड-19 के बाद, दुनिया भर की सार्वजनिक नीतियां अनिश्चितता की ताकतों से जूझ रही हैं और प्रेडिक्टिव मॉडलिंग तकनीक विश्वसनीय जवाब देने में विफल रही है।

ऐसे समय में, उन्होंने सार्वजनिक नीति स्कूलों से भविष्य के पॉलिसी मेकर्स (नीतियां बनाने वाले) को बौद्धिक विनम्रता और अनुकूलन क्षमता का पाठ पढ़ाने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, भू-राजनीति की एक नई समझ उभर रही है, लेकिन क्या हमारे पास इस नई समझ के साथ पॉलिसी मेकर्स की एक नई पीढ़ी है? हमें वकीलों, अर्थशास्त्रियों, मानवविज्ञानी और अन्य सभी विषयों के साथ काम करने के लिए औपचारिक रूप से प्रशिक्षित सार्वजनिक नीति स्नातकों की आवश्यकता है, जो सॉल्यूशंस का हिस्सा हैं।

–आईएएनएस

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