‘एससीओ घनिष्ट साझे भाग्य वाले समुदाय की रचना करें’

बीजिंग, 15 जून (आईएएनएस)| शांगहाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों की 19वीं राजाध्यक्ष परिषद का सम्मेलन 14 जून को किर्गिजस्तान की राजधानी बिश्केक में आयोजित हुआ। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सम्मेलन में भाषण देकर एससीओ से और घनिष्ट साझे भाग्य वाले समुदाय की रचना करने का आह्वान किया। गत वर्ष छिंगताओ एससीओ शिखर सम्मेलन के बाद शी चिनफिंग ने फिर एक बार इस संगठन के विकास के लिए सुझाव पेश किया।

18 सालों के विकास के बाद हाल में एससीओ संगठन विश्व में सबसे बड़ी आबादी और सबसे बड़े क्षेत्रफल वाला अंतर्राष्ट्रीय संगठन बन चुका है, जो विश्व की शांति व विकास को आगे बढ़ाने और अंतर्राष्ट्रीय न्यायता की रक्षा करने की अहम शक्ति बन गया है। हालिया जटिल अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति में एससीओ किस तरह मौके को पकड़कर चुनौतियों को दूर कर सकेगा, यह नए युग में एससीओ के सामने आई एक चुनौती है।

छह साल पहले शी चिनफिंग ने एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेते समय शांगहाई भावना का प्रसार करने की अपील की। गत वर्ष उन्होंने छिंगताओ शिखर सम्मेलन में जोर दिया कि शांगहाई भावना एससीओ संगठन के सदस्यों की समान संपत्ति है। वर्तमान शिखर सम्मेलन में उन्होंने शांगहाई भावना से बुद्धिमता की खोज करने का आह्वान किया। शांगहाई भावना हमेशा ही एससीओ संगठन में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के भाषण के अहम शब्द रहे हैं।

विश्व की करीब आधी आबादी वाला समग्र क्षेत्रीय सहयोग संगठन होने के नाते एससीओ और घनिष्ट साझे भाग्य वाले समुदाय की रचना में लगा रहता है। अनवरत बढ़ने वाली समान चुनौतियों का सामना करने के लिए बहुपक्षीयवाद और अंतर्राष्ट्रीय नियमों की रक्षा करने का अहम यथार्थ अर्थ है। शांगहाई भावना के नेतृत्व में एससीओ संगठन का अवश्य ही और बड़ा विकास हो सकेगा और विश्व विकास में और ज्यादा स्थिरता डाल सकेगा।

(साभार–चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पेइचिंग)