ओमान के संस्कृति मंत्री देश के अगले सुल्तान

मस्कट, 11 जनवरी (आईएएनएस)| ओमान के संस्कृति मंत्री हैथम बिन तारिक अल-सईद को शनिवार को दिवंगत सुल्तान काबूस बिन सईद अल-सईद का उत्तराधिकारी नियुक्त किया गया। अरब देश पर लगभग 50 साल शासन करने के बाद सुल्तान काबूस (79) का निधन हो गया है। बीबीसी ने सरकार के हवाले से कहा कि हैथम बिन तारिक अल-सईद ने शनिवार को रॉयल फैमिली काउंसिल की बैठक के बाद पद की थपथ ली।

हैथम बिन तारिक मध्य एशिया के अंतिम सुल्तान काबूस के चचेरे भाई हैं। काबूस का कोई वारिस या अधिकृत उत्तराधिकारी नहीं था।

समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, ओमान की आधिकारिक एजेंसी ओएनए ने शनिवार तड़के एक संक्षिप्त संदेश में बिना विस्तृत जानकारी दिए सुल्तान के निधन का समाचार सुनाया। सुल्तान बेल्जियम में इलाज कराकर पिछले महीने यहां लौटे थे।

बयान के अनुसार, “बड़े दुख के साथ. शाही दरबार महामहिम सुल्तान काबूस बिन सईद के निधन पर दुख व्यक्त करता है, जिनका शुक्रवार को निधन हो गया।”

सुल्तान के निधन पर ओमान में तीन दिन का शोक रखा गया है और इस दौरान निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्र के सभी कार्यालय बंद रहेंगे। इसके अलावा देश का राष्ट्रीय झंडा 40 दिनों तक झुका रहेगा।

राजधानी मस्कट में सुल्तान काबूस ग्रांड मोस्क के बाहर पुरुषों की भीड़ लगी हुई है, जहां ताबूत ले जाया गया है और प्रार्थनाएं हो रही हैं।

काबूस का जन्म दक्षिणी शहर सलालाह में हुआ था और वह सई बिन तैमूर और प्रिंसेस मजून अल-मशानी के एकलौते बेटे थे। सलालाह तब देश की राजधानी थी।

उन्होंने ब्रिटेन की सहायता से 170 में अपने पिता को गद्दी से हटा दिया।

ओमान में सम्मानित काबूस को बुद्धिमान, धार्मिक और दुनिया के सबसे हिंसा पीड़ित क्षेत्र में मध्यस्थ के तौर पर याद किया जाएगा। उन्होंने पड़ोसी ईरान और इजरायल तक से संबंध स्थापित किए।

वर्ष 1970 में गद्दी पर बैठने के बाद उन्होंने शिक्षा पर बहुत जोर दिया। साल 1975 तक 214 स्कूल हो गए थे और 1982 में काबूस नामक पहला विश्वविद्यालय उन्होंने स्थापित किया।

इसके अलावा उन्होंने स्वतंत्र, आधुनिक स्वास्थ्य तंत्र स्थापित किया, जिसमें डॉक्टरों की संख्या तब के 150 से अब 3,500 हो गई है, जिससे जीवन प्रत्याशा और शिशु जन्म दर में खासा सुधार हुआ है।

ओमान में सुल्तान ही सर्वोच्च निर्णयकर्ता होता है, जो प्रधानमंत्री तथा सैन्य बलों का सर्वोच्च कमांडर होता है। इसके अलावा उसके पास रक्षा, वित्त और विदेश मंत्रालय भी होता है।