कचरा घोटाले पर बारामती के ‘दादा’ का पिम्परी चिंचवड़ के ‘भाऊ’- ‘दादा’ पर ‘हल्लाबोल’

पिम्परी। पुणे समाचार ऑनलाइन

तकरीबन 450 करोड़ के कचरा ट्रांसपोर्टेशन घोटाले के आरोपों को सत्ताधारी भाजपा ने टेंडर रद्द कर एक तरह से स्वीकार कर लिया है। इसी को मुद्दा बनाकर पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने बुधवार की रात पिम्परी चिंचवड़ मनपा के ‘कारभारी’ रहे ‘भाऊ’ व ‘दादा’ पर ‘हल्लाबोल’ किया। उन्होंने यह सवाल उठाया कि, बीते चार सालों में भाजपा के इन विधायकों ने पिम्परी चिंचवड़वासियों को भ्रष्टाचार के अलावा दिया क्या है?

राष्ट्रवादी कांग्रेस के हल्लाबोल आंदोलन की कड़ी में आज शाम कालेवाडी में एक जाहिर सभा को सम्बोधित करते हुए पवार ने सत्ताधारी भाजपा और स्थानीय विधायक लक्ष्मण जगताप व महेश लांडगे पर तीव्र शब्दों में निशाना साधा। जैसा कि तय माना जा रहा था कि इस सभा में पवार के निशाने पर शहर के ‘भाऊ-दादा’ होंगे, ठीक उसी तरह से शहर में छाई अराजकता, मनपा के हर विकास काम में भ्रष्टाचार के आरोप, कचरा और स्वास्थ्य की गंभीर बनते जा रही समस्या, बढ़ती गुंडागर्दी, पानी की किल्लत जैसी समस्याओं के साथ ही अवैध निर्माणों के नियमितीकरण व शास्तिकर माफी के मुद्दे पर भी भाजपा व स्थानीय विधायकों को आड़े हाथ लिया।

कचरा ट्रांसपोर्टेशन का टेंडर रदद् करने की नौबत ने इस टेंडर में भ्रष्टाचार की ओर साफ साफ इशारा करता है। झूठे वादे कर सत्ता पाने वाले भाजपा विधायकों ने राष्ट्रवादी कांग्रेस द्वारा भूमिपूजन की गई परियोजनाओं के उदघाटन करने के अलावा पिम्परी चिंचवड़ के लिए किया ही क्या है? सालभर की सत्ता में हर विकास काम में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इसके चलते उन्हें अपने ही फैसले बदलने और मंजूर किए गए टेन्डर रदद् करने पड़ रहे हैं। शहर का विकास अधर में लटका है, लंबित मसले लंबित ही हैं, जिन्हें पहले कैबिनेट की बैठक में हल करने का भरोसा दिलाकर भाजपा ने सत्ता हासिल की। मूलतः इन लोगों में काम करने की मानसिकता ही नहीं है।

पवार ने यह आरोप भी लगाया कि, भाजपा बदले की भावना से काम कर रही है। हल्लाबोल आंदोलन के बोर्ड हटाने की कोशिश का उदाहरण देते हुए उन्होंने अवैध बोर्ड चाहें किसी के भी हो उन्हें हटा दिया जाना चाहिए मगर बदले की भावना से कार्रवाई करना गलत है। आज पेट्रोल पम्पों पर भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फ़ोटो देखे बिना पेट्रोल नहीं भरा जा सकता, यह हालात हैं। पीएमआरडीए का दफ्तर पुणे ले जाने को लेकर भी उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई। इस सभा में विपक्षी दल के नेता धनंजय मुंडे, राष्ट्रवादी के नेता दिलीप वलसे पाटिल, जयंत पाटिल, सांसद सुप्रिया सुले, राष्ट्रवादी महिला कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष चित्रा वाघ, पूर्व विधायक बापू पठारे, विलास लांडे, शहराध्यक्ष संजोग वाघेरे, मनपा के विपक्षी नेता योगेश बहल, वरिष्ठ नेता नाना काटे, प्रशांत शितोले आदि उपस्थित थे।