पाटिल ने संवाददाताओं से कहा कि वह आयुर्वेदिक चिकित्सा और होम के अच्छे प्रभावों में ²ढ़ विश्वास रखते हैं। उन्होंने समझाया, हिंदू धर्म में सभी बुरे प्रभावों के लिए जवाब है। कोरोनावायरस भी एक बुरा प्रभाव है। इस महामारी की बुराई को केवल दैवीय हस्तक्षेप से ही रोका जा सकता है, जिसने काफी लंबे समय से लोगों को परेशान कर रखा है।
पाटिल ने कहा, आप (पत्रकार) इस तरह के अनुष्ठानों में विश्वास करने वाले नहीं हो सकते हैं, लेकिन ऐसे कई लोग हैं, जो इन पर विश्वास करते हैं।
उन्होंने कहा कि सड़कों पर हवन होने से दमा या ब्रोंकाइटिस या छाती संबंधी बीमारियों से पीड़ित किसी भी मरीज को इससे (धुएं) कोई परेशानी नहीं होगी।
पाटिल बताते हैं, आप किन समस्याओं की बात कर रहे हैं? यह एक अनुष्ठान है। जो लोग इसका पालन करते हैं, वे इन चीजों का सम्मान करते हैं। आप शायद चाहते होंगे कि हर चीज विज्ञान की कसौटी पर खरा उतरे और अगर आप एक आस्तिक हैं, तो बता दें होम अपने आप में एक विज्ञान है। यह विश्वास की बात है, जो लोग इसे मानते हैं वे इसकी पूजा करेंगे, जो (रिपोर्टर्स) इसे पसंद नहीं करते हैं, वे इसके महत्व को कभी नहीं समझेंगे। इसलिए आस्था के मामलों पर आपके साथ बहस करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।
–आईएएनएस
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