कर्नाटक में चाल, चरित्र नहीं दागियों से प्यार  

 

बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत के लिए राजनीतिक दल हर संभव पैंतरा आजमाने में लगे हैं। प्रचार के नए-नए तरीके तो अपनाए जा ही रहे हैं, साथ ही दागियों पर भी दांव खेला जा रहा है। कांग्रेस के साथ-साथ चाल, चरित्र और चेहरे की बात करने वाली भाजपा भी दागियों पर जमकर प्यार लुटा रही है। दोनों पार्टियों ने कम से कम वर्तमान विधायकों के टिकट काटने के साथ-साथ दागी उम्मीदवारों को भी टिकट देने में कोई कोताही नहीं बरती है। 224 सीटों में से अब तक कांग्रेस ने 218 तो भाजपा ने 154 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि दोनों ही पार्टियों ने नए उम्मीदवारों को तरजीह नहीं दी है।

ये भी चुनावी वादा साबित
उम्मीद थी कि भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवारों के चयन में कुछ नया कर सकती हैं, लेकिन अब तक ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला है। गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने युवाओं को मौका देने का वादा किया था, मगर यह वादा भी चुनावी वादा साबित हुआ। दोनों ने ही दलों ने जीतने वाले उम्मीदवारों को तरजीह दी गई और दागियों को भी टिकट दिए हैं।

इन पर खेला दांव
बता दें कि कांग्रेस के आनंद सिंह, सतीश सैल और नागेंद्र के नाम अवैध खनन मामले में सामने आ चुके हैं, वहीं भाजपा ने खनन क्षेत्र के बाहुबली जी जनार्दन रेड्डी के भाई जी सोमशेखर रेड्डी के साथ-साथ बी श्रीरामुलू के रिश्तेदारों एच टी सुरेश बाबू और सन्ना फक्कीरप्पा को टिकट दिया है। सूत्र बताते हैं कि वह जनार्दन रेड्डी परिवार से जुड़े जी करुणाकर रेड्डी को भी टिकट देने का मन बना रही है। साथ ही कट्टा सुब्रमण्य नायडू और एस एन कृष्णैया शेट्टी को भी टिकट दिया गया है। इन दोनों पर जमीन हड़पने का केस है। इनके अलावा अशोक खेनी और सदन में शर्ट फाड़ने वाले गूलिहट्टी शेखर को भी विधानसभा के लिए टिकट दिया गया है।

नहीं सुनी कांग्रेस ने
कहा जा रहा है कि सिद्धारमैया 25 वर्तमान विधायकों का टिकट काटना चाहते थे, लेकिन आलाकमान ने उनकी नहीं सुनी। गौरतलब है कि कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में 12 मई को मतदान होगा। सभी सीटों पर वोटों की गिनती 15 मई को की जाएगी।