कर्नाटक में ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से आम जन-जीवन बेअसर

बेंगलुरु, 26 फरवरी (आईएएनएस)। ईंधन की बढ़ती कीमतों के विरोध में कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की ओर से शुक्रवार को आहूत एक दिवसीय भारत बंद के आह्वान का कर्नाटक में व्यापक असर देखने को मिला। प्रदेश भर में सड़कों एवं राजमार्गो से अधिकांश ट्रक एवं मालवाहक वाहन नदारद रहे। हालांकि दूध, दवा और फल और सब्जियों जैसी दैनिक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित नहीं हुई। इसके परिणामस्वरूप आम जन-जीवन पर कुछ खास असर देखने को नहीं मिला।

भारत बंद के आह्वान के समर्थन में एक दिन की हड़ताल काफी हद तक सफल रही। कर्नाटक स्टेट लॉरी ओनर्स एंड एजेंट्स एसोसिएशन ने ईंधन की बढ़ती कीमतों, वस्तु व सेवा कर, ई-बिल आदि के विरोध में कैट के भारत बंद के आह्वान को अपना पूर्ण समर्थन दिया।

एसोसिएशन के अध्यक्ष जी.आर. शनमुगप्पा ने कहा कि लगभग 75,000 ट्रक जो बेंगलुरु में संचालन करते हैं, सड़कों से नदारद रहे। उन्होंने कहा कि हमने दूध, दवा और फल और सब्जियों जैसे दैनिक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित नहीं की, लेकिन हमारी हड़ताल काफी हद तक सफल रही।

उन्होंने संवाददाताओं को यह भी बताया कि देश भर के ट्रांसपोर्टर्स जीएसटी कानूनों में नवीनतम संशोधन का उपयोग कर रहे हैं, जिसने ई-वे बिल की वैधता को लगभग आधा कर दिया है।

उनके अनुसार बदले हुए कर और ईंधन प्रणाली में एक ट्रक मालिक को नेलमनागला से अटीबेले तक लगभग 35 किमी जाने के लिए लगभग 1,000 रुपये अतिरिक्त देने को मजबूर होना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्टर्स के लिए लागत कैसे असहनीय हो गई है, यह एक क्लासिक मामला है। इसलिए, केंद्र सरकार और राज्य सरकारों दोनों को हमारे प्रति अधिक सहानुभूति रखने की जरूरत है।

–आईएएनएस

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