कलेक्टर द्वारा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के पैर छूने पर लोगों ने जताई नाराजगी

हैदराबाद, 21 जून (आईएएनएस)। सिद्दीपेट के जिला कलेक्टर द्वारा एक आधिकारिक कार्यक्रम में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के पैर छूने से विवाद पैदा हो गया। इस घटना के बाद अधिकारी को जनता का गुस्सा और विपक्षी नेताओं की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

जिला कलेक्टर पी. वेंकटरामी रेड्डी ने रविवार को सिद्दीपेट जिला मुख्यालय में नवनिर्मित कलेक्ट्रेट का उद्घाटन करने वाले एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का आशीर्वाद लेने के लिए उनके पैर छुए।

भवन के उद्घाटन के बाद, मुख्यमंत्री ने एक अनुष्ठान के तहत रेड्डी को कलेक्टर की कुर्सी पर बैठाया। रेड्डी तब अपनी सीट से उठे और मुख्यमंत्री के पैर छूने के लिए झुके, जबकि बाद वाले ने उन्हें रोकने की कोशिश की।

यह घटना मुख्य सचिव एम. सोमेश कुमार और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुई।

कलेक्टर की कार्रवाई की आम जनता और विपक्ष दोनों ने आलोचना की। उन्होंने उन पर मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए आईएएस कैडर के अधिकारियों के स्वाभिमान को गिरवी रखने का आरोप लगाया।

जैसे ही कलेक्टर के केसीआर के पैर छूने का वीडियो वायरल हुआ, लोगों ने उनकी निंदा शुरू कर दी।

हालांकि, कलेक्टर ने यह कहते हुए अपना बचाव किया कि केसीआर उनके लिए पिता के समान हैं।

रेड्डी ने बयान में कहा, शुभ अवसरों के दौरान बड़ों का आशीर्वाद लेना तेलंगाना की संस्कृति का हिस्सा है। जब मैं नए कलेक्ट्रेट में कार्यभार संभाल रहा था, तब मैंने मुख्यमंत्री का आशीर्वाद लिया, जो मेरे लिए एक पिता की तरह हैं।

कलेक्टर ने यह भी बताया कि रविवार को फादर्स डे था। उन्होंने सभी से इसे मुद्दा न बनाने की अपील की।

उनका स्पष्टीकरण कई लोगों द्वारा ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी कार्रवाई की निंदा करने के बाद आया।

भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता विजय गोपाल ने कलेक्टर के इशारे की निंदा करते हुए पूछा, यह एक लोक सेवक द्वारा घोर कदाचार है, वह इसे प्रदर्शित करके निष्पक्ष रूप से अपने कर्तव्यों का पालन कैसे कर सकता है?

एक अन्य नेता हनुमंत राव ने ट्वीट किया, प्रिय बाबू, आप जनता के सेवक हैं, राजनेता के नहीं।

कई लोगों ने इस मुद्दे को उनके संज्ञान में लाने के लिए भारत सरकार और आईएएस एसोसिएशन के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग को टैग किया और उनसे कार्रवाई करने का अनुरोध किया।

रेड्डी के इस कदम को लेकर विपक्षी दलों ने भी उनकी जमकर खिंचाई की है।

कांग्रेस नेता श्रवण दासोजू ने कलेक्टर की कार्रवाई को आपत्तिजनक बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि कलेक्टर राज्य के उन कई नौकरशाहों में से एक हैं जिन्हें केसीआर ने गुलाम बनाया था। उन्होंने कहा कि नौकरशाहों को पता होना चाहिए कि वे केवल भारतीय संविधान के प्रति जवाबदेह हैं, न कि किसी ऐसे व्यक्ति के प्रति जो सत्ता में है।

भाजपा के मुख्य प्रवक्ता के कृष्ण सागर राव ने आरोप लगाया कि केसीआर राज्य में एक नई नौकरशाही संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा, अगर कलेक्टर को केसीआर के प्रति कोई सम्मान था तो उन्हें इसे सार्वजनिक चकाचौंध में करने के बजाय निजी तौर पर करना चाहिए था। यह किस तरह की चाटुकारिता है और केसीआर इसे कैसे होने दे रहे हैं।

–आईएएनएस

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