अकार ने बुधवार को संसद में संवाददाताओं से कहा, फिलहाल, हम (नए) सैनिक भेजने की स्थिति में नहीं हैं। अब किसी भी तरह से वहां किसी भी सैनिक को भेजने का सवाल ही नहीं उठता।
उन्होंने कहा कि तुर्की अन्य देशों के साथ एक योजना तैयार करने के लिए बातचीत कर रहा है।
तुर्की छह साल से काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का संचालन कर रहा है, जिसमें अफगानिस्तान में नाटो के ²ढ़ समर्थन मिशन में करीब 500 सैनिक उपस्थित हैं।
युद्धग्रस्त देश में नाटो बलों की वापसी के बाद अंकारा ने हवाई अड्डे को सुरक्षित चलाने का प्रस्ताव दिया है।
हालांकि, तालिबान ने प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वे नहीं चाहते कि सितंबर में नाटो बलों के जाने के बाद अफगानिस्तान में कोई विदेशी सेना शेष रहे।
अंकारा के अनुसार, नाटो मिशन के लिए रसद और वित्तीय सहायता पर चर्चा करने के लिए अमेरिकी रक्षा मंत्रालय का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को तुर्की का दौरा करेगा।
–आईएएनएस
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