कैबिनेट के फैसले के बाद अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि राज्यपाल क्या कदम उठाएंगे।
राज्यपाल ने 23 दिसंबर को विशेष सत्र बुलाने के राज्य सरकार की सिफारिश को इस आधार पर ठुकरा दिया था कि 8 जनवरी 2021 को विशेष सत्र आयोजित करने का पहले से ही फैसला ले लिया गया है।
इसके बाद मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने राज्यपाल को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में राज्यपाल को लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार के फैसले के आधार पर चलना होगा।
जवाब में राज्यपाल ने कहा कि गोपनीय पत्र मीडिया के पास कैसे आ गया।
केरल विधानसभा अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि विधानसभा सत्र बुलाने के बारे में निर्णय लेना कैबिनेट के अधिकार क्षेत्र में है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को राज्य सरकार में विश्वास होना चाहिए और उसके फैसले के हिसाब से निर्णय लेना चाहिए।
विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख कर विधानसभा का विशेष सत्र रद्द करने के लिए राज्यपाल को वापस बुलाने की मांग की थी।
पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने मीडिया को बताया कि राज्य की विजयन सरकार अगर विशेष सत्र नहीं बुला सकती तो कृषि कानूनों के खिलाफ अध्यादेश जारी करे।
–आईएएनएस
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