क्षेत्रीय विषमताओं के लिए पहले की सरकारें जिम्मेदार : योगी

 लखनऊ, 27 फरवरी (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को विधान परिषद में बजट पर जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में क्षेत्रीय विषमताओं के लिए पूर्व की सरकारों को जिम्मेदार है।

 अगर उन्होंने वित्तीय अनुशासन और राजकोषीय संतुलन बनाया होता तो सूबे के अलग-अलग जिलों में घोर विषमताएं न होतीं। मुख्यमंत्री ने माना कि राष्ट्रीय औसत के मुकाबले उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय आधी है। पर 2022 तक यहां की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत को छूने लगेगी।

सरकार में आने के बाद उन्होंने जिलावार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की गड़ना कराई तो बहुत चौकाने वाले आंकड़े सामने आए। उन्होंने कहा, इस गणना के बाद पता लगा कि जहां नोएडा में प्रति व्यक्ति आय 6,17,000 रुपये प्रति साल है, वहीं बलरामपुर में यह मात्र 3200 रुपये सालाना है। यह कितना बड़ा अंतर है। साफ देखा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि जिस तरह नोएडा का विकास हुआ, उसी तरह बलरामपुर, चित्रकूट और चंदौली का विकास भी हो सकता था। यह विषमता क्यों है? पूर्ववर्ती सरकारों ने बजट को संतुलित करने का प्रयास नहीं किया, यह विषमता इसीलिए है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारों बजट का राजनीति फायदे को ध्यान में रख कर केंद्रित होता था और उसमे संकीर्णता होती थी। अगर अनुशासन और संतुलन होता तो इस तरह की विषमताएं न होतीं। आजादी के बाद जब पहला चुनाव हुआ था, उस समय प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से ज्यादा थी, लेकिन उसके बाद लगातार गिरती चली गई और प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 42268 रुपये आय प्रति व्यक्ति रह गई थी।

उन्होंने कहा, “हम राष्ट्रीय औसत के आधे पर आ गए थे। पर राज्य सरकार के प्रयासों से अब प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 64330 रुपये हो गई है। यह सतत प्रक्रिया है और हमारी सरकार जब 2022 में अपना कार्यकाल पूरा करेगी, तब तक यह राष्ट्रीय औसत को छूने लगेगी।”

योगी ने कहा कि इस बार बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में श्नल से जलश् परियोजना के लिए 15000 करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रावधान किया गया है। इसमें बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के सात जिलों में पाइप से पानी देने की परियोजना है। इस साल के अंत तक पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे जनता के लिए खोल दिया जाएगा, दो दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करेंगे। इससे जुड़ा डिफेंस कॉरीडोर बनेगा, जहां बनी तोपें देश और दुनिया में गरजेंगी।