गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों द्वारा लगाए गए टेंट उखड़ने लगे हैं, आंदोलनकारी किसान भी ट्रैक्टर लेकर वापस अपने-अपने गंतव्य स्थानों की ओर जाने लगे हैं।
बॉर्डर पर किसान द्वारा चलाया जा रहा लंगर भी बंद हो चुका है, हालांकि अब कुछ ही किसान लंगर सेवा जारी रखे हुए हैं।
हालांकि किसान नेताओं के बीच मतभेद सामने आने के बाद से ही आंदोलनकारियों की संख्या में कमी देखी जा रही है।
सिंघु, टिकरी, गाजीपुर बॉर्डर किसानों के विरोध स्थलों का मुख्य केंद्र रहे हैं। गणतंत्र दिवस के दिन तय समय से पहले ही किसानों ने ट्रैक्टर परेड शुरू कर दी थी। देखते ही देखते परेड ने हिंसा का रूप ले लिया और जगह जगह तोड़ फोड़ शुरू हो गई और किसान दिल्ली की सीमाओं में प्रवेश करने लगे।
रास्ते में आने वाली हर चीज किसानों की तरफ से तोड़ी गई, वहीं आईटीओ और लाल किले पर पहुंचे प्रदर्शनकारी किसान सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर से थे। जहां सबसे ज्यादा हिंसा देखी गई।
गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा में करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हुए वहीं एक किसान की ट्रैक्टर पलटने से मृत्यु भी हो गई।
— आईएएनएस
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