सेव मोल्लेम आंदोलन से जुड़े युवाओं द्वारा बोबडे को लिखे पत्र में कहा गया है, हम अपनी विरासत की रक्षा के लिए जो भी संभव हो सकेगा, करते रहेंगे..हम कर भी रहे हैं। लेकिन, आज हमें उन लोगों के समर्थन की जरूरत है जो हमारे कीमती वन्य पारिस्थितिक तंत्रों के अथाह और अपरिवर्तनीय मूल्य को समझते हैं। हमें उम्मीद है कि आप तात्कालिकता को पहचानेंगे और यह सुनिश्चित करने के लिए यथासंभव कदम उठााएंगे कि इस अत्यंत महत्वपूर्ण मोड़ पर गोवा की पहचान और भविष्य सुरक्षित रहे।
पत्र में यह भी लिखा है कि हमारे संविधान ने हमें अपनी प्राकृतिक विरासत की रक्षा जारी रखने में सक्षम बनाया है, और 240 वर्ग किलोमीटर को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत विशेष संरक्षित दर्जा दिया गया है। भगवान महावीर राष्ट्रीय उद्यान और भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य हमारे सुंदर राज्य का सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र है।
पत्र में लिखा है, हम, गोवा के युवा, 3 विनाशकारी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के खतरों से चिंतित हैं क्योंकि ये हमारे राज्य के वनों के भविष्य से जुड़ी हैं। परियोजनाओं के प्रबंधकों ने 38,724 पेड़ों को काटने के लिए आवेदन किया है, जिससे राष्ट्रीय उद्यान और भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य के लिए बड़ी समस्या खड़ी होगी।
–आईएएनएस
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