गोवा में नई टूरिज्म पॉलिसी से बढ़ेंगे अवसर, गांवों को भी बना रहे आत्मनिर्भर : मुख्यमंत्री

नई दिल्ली, 4 दिसंबर(आईएएनएस)। गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने कहा है कि राज्य में पर्यटन गतिविधियों को तीन एस यानी सन, सैंड एंड सी से भी आगे बढ़ाने की दिशा में काम चल रहा है। गोवा के गांवों में भी छिपी पर्यटन की अपार संभावनाओं को तराशने का काम शुरू हुआ है। इससे गोवा के आंतरिक हिस्से में बसे गांव भी पर्यटन से जुड़ सकेंगे। जिससे गांवों में विकास के अवसर के साथ वहां रहने वाले युवाओं के लिए रोजगार की भी संभावनाएं बढ़ेंगी।

यहां नई दिल्ली के गोवा सदन में मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान राज्य में सरकार की ओर से उठाए गए कई लीक से हटकर नए कदमों की चर्चा की। उन्होंने गोवा सरकार की ओर से नई टूरिज्म पॉलिसी पर काम करने के बारे में जानकारी दी। कहा कि इससे गोवा में पर्यटन के अवसर और अधिक बढ़ेंगे।

दरअसल, पर्यटन को गोवा की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। एक आंकड़े के मुताबिक, राज्य की करीब 40 प्रतिशत जनसंख्या का रोजगार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन पर निर्भर है। पर्यटन को बढ़ावा देने की सरकार की कोशिशों के कारण हर साल करीब 11 प्रतिशत की दर से गोवा में इस इंडस्ट्री का आकार बढ़ रहा है। अब प्रमोद सावंत सरकार गोवा को वल्र्ड क्लास इंटरनेशनल टूरिज्म डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित करने में जुटी है।

गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत गोवा में शुरू हुई स्वयंपूर्ण गोवा योजना की जानकारी दी। इस योजना के तहत सभी उपलब्ध संसाधनों के जरिए गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य चल रहा है। प्रत्येक गांव को एक मॉडल बनाने की कोशिश हो रही है। सरकारी अफसर, शिक्षक आदि लोग स्वयंपूर्ण मित्र के तौर पर गांव-गांव जाकर केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाने में जुटे हैं।

गोवा में कोरोना मैनेजमेंट के सवाल पर मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के प्रयासों की नीति आयोग भी सराहना कर चुका है। कोरोना की लड़ाई में रैंडम टेस्टिंग शुरू करने वाले राज्यों में गोवा आगे रहा। राज्य की रैंडम टेस्टिंग पॉलिसी को नीति आयोग ने सराहा है। गृहमंत्रालय ने कामकाज के आधार पर देश के जो दस थाने चुने हैं, उनमें दक्षिण गोवा का संगुएम थाना पांचवें स्थान पर जगह बनाने में सफल रहा है। इससे पता चलता है कि गोवा में पुलिसिंग व्यवस्था भी ठीक दिशा में चल रही है।

डॉ. प्रमोद सावंत ने गोवा में इंजीनियरिंग प्रोफेशनल के लिए एक नई पहल के रूप में शुरू हुई मुख्यमंत्री रोजगार योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसके तहत इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वाले युवाओं को दस लाख रुपये के कार्य और डिप्लोमा वाले युवाओं को पांच लाख रुपये के कार्यो का कांट्रैक्ट देने की व्यवस्था शुरू हुई। इंजीनियरिंग पृष्ठिभूमि के युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए पीडब्ल्यूडी के ठेके सरकार उन्हें दे रही है। इसके लिए कोई अनुभव की जरूरत नहीं है। युवाओं को उद्यमशीलता से जोड़ने की यह पहल है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में खनन गतिविधियों के ठप होने से पैदा हुए गतिरोध का भी हल निकालने की दिशा में कोशिशें हो रही हैं।

–आईएएनएस

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