जरदारी को विशेषज्ञ डॉक्टरों से नहीं मिलने दिया गया : बिलावल

इस्लामाबाद, 5 नवंबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उनके पिता व पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को विशेषज्ञ डॉक्टरों व उनके निजी फिजीशियन से मिलने नहीं दिया गया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “हमारे परिवार को उनके स्वास्थ्य की बेहद चिंता है। अगर हमारे पिता को कुछ भी हुआ तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।”

जरदारी को रावलपिंडी के अदियाला जेल से 22 अक्टूबर को पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज लाया गया और उन्हें कार्डियोलॉजी विभाग के वीआईपी वार्ड में भर्ती किया गया। उनकी कई जांच की गई और उन्हें खतरे से बाहर बताया गया है।

पूर्व राष्ट्रपति को पीठदर्द, कमजोरी व एंजाइटी की शिकायत है।

सोमवार को पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पिम्स) के एक मेडिकल बोर्ड को जरदारी के दिल की धड़कन में बदलाव के निगरानी का कार्य सौंपा गया और इसके लिए होल्टर मॉनिटर लगाया गया है।

पिम्स के मीडिया समन्वयक डॉ वसीम ख्वाजा ने डॉन से कहा, “डिवाइस को मरीज के दिल की धड़कन में लगातार बदलाव के कारण निगरानी में लगाया गया है।”

उन्होंने कहा कि मरीज के सभी जांचों के सामान्य नहीं होने तक वह अस्पताल में रहेंगे।

होल्टर मॉनिटर एक बैटरी संचालित पोर्टेबल डिवाइस है, जो दिल की गतिविधि को 24 घंटे से 48 घंटे या उससे ज्यादा समय तक मापता है और रिकॉर्ड करता है। यह इसके मॉनिटरिंग के होने वाले इस्तेमाल पर निर्भर करता है।

कार्डियक सेंटर के डॉक्टर ने कहा कि डिवाइस में चार से पांच इलेक्ट्रोड होते हैं, जो छाती पर लगाए जाते हैं।

उन्होंने कहा कि मरीजों को यह डिवाइस चक्कर आने की शिकायत पर लगाई जाती है, क्योंकि ऐसा दिल की धड़कन के गिरने की वजह से हो सकता है।

उन्होंने कहा, “जरदारी बीमार हैं और उन्हें मधुमेह, गठिया है और स्टेंट लगाया गया है।”

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति रहने के दौरान भी उन्हें यह सभी चिकित्सकीय दिक्कतें रही हैं।

इससे एक दिन पहले पीपीपी नेता रहमान मलिक ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ व उनकी बेटी मरियम को प्रदान किए गए कानूनी उपाय की तर्ज पर जरदारी व उनकी बहन फरयाल तालपुर को भी राहत देने की मांग की।

उन्होंने कहा, “आसिफ अली जरदारी व फरयाल तालपुर हाई प्रोफाइल विचाराधीन राजनीतिक शख्सियतें हैं और उनके साथ दोषी करार दिए गए कैदी तरह व्यवहार नहीं होना चाहिए।”

जरदारी को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने 10 जून को गिरफ्तार किया था। ऐसा इस्लामाबाद हाईकोर्ट द्वारा फर्जी बैंक खाते मामले में उनकी गिरफ्तारी से पहले की जमानत (प्री-अरेस्ट बेल) रद्द किए जाने के बाद किया गया।