किसानों के आंदोलन के लिए समर्थन इकट्ठा करने और तेजी लाने के लिए, टिकैत यहां कंडेला गांव पहुंचे थे, जिहां उन्होंने महापंचायत को संबोधित किया। लोगों ने यहां उनका भव्य स्वागत किया।
टिकैत के साथ प्रदेश भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी थे।
महापंचायत के आयोजक कंडेला खाप के अध्यक्ष टेक राम ने कहा, कृषि कानूनों को रद्द करने के अलावा, प्रस्ताव में मांग की गई है कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि किसानों को उनकी फसलों के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) मिले और गणतंत्र दिवस हिंसा के लिए किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं।
राम ने कहा, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में आयोजित महापंचायत के कुछ दिनों बाद राज्य भर के कम से कम 50 खापों या राज्य की सामुदायिक अदालतों के प्रतिनिधियों ने अन्य महापंचायत में भाग लिया।
सभा को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा, अगर किसानों की मांगों को केंद्र स्वीकार नहीं करती है, तो वे राष्ट्रीय स्तर पर महापंचायत करेंगे।
उन्होंने कहा, जब शासक डरता है, तो वह किलेबंदी करता है।
उन्होंने कहा कि आंदोलन को गति देने के लिए 10 फरवरी तक हरियाणा के गांव-गांव तक अभियान चलाया जाएगा।
महापंचायत में भाग लेने से एक दिन पहले टिकैत ने कहा था कि तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान सरकार की बात नहीं मानेंगे तो अखिल भारतीय ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी।
–आईएएनएस
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