जीकेपीडी ने अनुच्छेद-370 हटाने के खिलाफ पेश अर्जी खारिज की

 नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)| ग्लोबल कश्मीरी पंडित्स डायसपोरा (जीकेपीडी) ने पंडितों, सिखों और डोगराओं सहित 64 नागरिकों द्वारा दी गई उस अर्जी को खारिज कर दिया है, जिसमें जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निरस्त करने की निंदा की गई है।

  जीकेपीडी कश्मीरी पंडित नागरिक समाज है, जिससे जम्मू एवं लद्दाख क्षेत्र के लोगों सहित दुनियाभर के सभी प्रमुख कश्मीरी पंडित संगठनों के स्वयंसेवक जुड़े हुए हैं।

जीकेपीडी द्वारा जारी एक बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए बधाई दी गई है।

जीकेपीडी की ओर से प्रोफेसर रेणुका धर ने कहा, “जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनाते हुए ‘एक राष्ट्र-एक संविधान’ के सपने को साकार करने के लिए भारत सरकार के साथ काम करने की प्रतिज्ञा करते हैं।”

उन्होंने कहा, “हम जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के गौरव को सुनिश्चित करने के लिए सभी समुदायों के साथ मिलकर काम करेंगे। आतंकवाद से तबाह होने से पहले यह कैसा था।”

रेणुका ने कहा, “धारा 370 को खत्म करना देशभर की राष्ट्रवादी ताकतों के लिए एक उपहार है। यह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को भारत की मुख्यधारा में लाने व एकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।”

रेणुका ने अनुच्छेद-370 को रद्द करने के बाद इसे गलत फैसला ठहराने वाले मीडिया की आलोचना करते हुए कहा, “हम मीडिया के उन वर्गो द्वारा किए गए प्रयासों की कड़ी निंदा करते हैं, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अधिकांश लोगों के विचारों की अनदेखी करते हुए कुछ व्यक्तियों के विचारों को दुर्भावनापूर्वक उजागर किया।”