दोनों आवेदकों को अब 4 जून तक नई बोलियां जमा करनी होंगी।
इसके बाद 28 मई को सुरक्षा की बोली पर मतदान रद्द कर दिया गया था।
दोनों कंपनियों को संशोधित बोलियां जमा करने की अनुमति देने पर मतदान 27-28 मई को हुआ था।
सीओसी ने 20 मई को सुरक्षा समूह की बोली को मंजूरी दी थी और दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) का पालन न करने का हवाला देते हुए एनबीसीसी की बोली को खारिज कर दिया था।
एनबीसीसी ने 24 मई को आईआरपी और घर खरीदारों सहित ऋणदाताओं को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वे बहुत अधिक निष्पक्षता और परिश्रम के साथ इसकी समाधान योजना की जांच करें और इसे सीओसी सदस्यों को मतदान के लिए प्रस्तुत करें।
राज्य द्वारा संचालित निर्माण प्रमुख ने यह भी कहा कि यह आवश्यकतानुसार,अगर कोई हो, कानून के उपयुक्त मंच से पहले और जब आवश्यक हो, सहारा लेने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
एनबीसीसी ने अपनी बोली खारिज होने के बाद एक परिशिष्ट प्रस्तुत किया।
जानकार लोगों के अनुसार, जेआईएलस के आईआरपी ने सीओसी की बैठक में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसमें कहा गया था कि एनबीसीसी की योजना आईबीसी के अनुरूप नहीं थी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अप्रैल में एनबीसीसी और सुरक्षा द्वारा नए सिरे से योजना प्रस्तुत करने का आदेश देने के बाद विकास आयेगा।
–आईएएनएस
एसएस/एएनएम