झारखंड चुनाव : ‘बागी’ नेताओं की शरणस्थली बने आजसू, झामुमो

रांची, 15 नवंबर (आईएएनएस)| झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद नेताओं के बीच टिकटों की मारामारी को लेकर मची भगदड़ में ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नेताओं के लिए ‘शरणस्थली’ बने हुए हैं। इन दोनों पार्टियों के रणनीतिकार भी ठोंक-बजाकर ऐसे नेताओं को अपने दलों में शमिल करवा रहे हैं। कई नेताओं को पुरस्कार स्वरूप टिकट भी मिल रहा है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से टिकट के मुख्य दावेदार और पूर्व शिक्षामंत्री बैद्यनाथ राम के टिकट कटने पर राम ने झामुमो से संपर्क किया और अब वह लातेहार से झामुमो के प्रत्याशी हैं। उनका मुख्य मुकाबला झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) से भाजपा में आए निवर्तमान विधायक प्रकाश राम से है।

भाजपा ने पलामू जिले की छतरपुर सीट पर राधाकृष्ण किशोर का टिकट काटा तो उन्होंने आजसू का दामन थाम लिया और अब वह छतरपुर सीट से आजसू के उम्मीदवार हैं। राधाकृष्ण किशोर भाजपा के मुख्य सचेतक थे।

विपक्षी दलों के महागठबंधन में पाकुड़ की सीट कांग्रेस के खाते में जाने से नाराज साल 2009 में झामुमो से जीतकर विधानसभा पहुंचे अकील अख्तर ने पार्टी को बाय-बाय कर आजसू का दामन थाम लिया। अकील का मुकाबला अब पाकुड़ में कांग्रेस के कद्दावर नेता आलमगीर आलम से होगा। आलमगीर आलम ने 2014 के विधानसभा चुनाव में अकील अख्तर को हराया था।

इसी तरह घाटशिला सीट के झामुमो के खाते में जाने से नाराज कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बालमुचू ने कांग्रेस का ‘हाथ’ छोड़कर आजसू का दामन थाम लिया।

भगदड़ की स्थिति किसी एक दल में नहीं है। तमाड़ से आजसू के पूर्व विधायक विकास मुंडा ने भी आजसू का दामन छोड़कर झामुमो का दामन थाम लिया। बहरागोड़ा से भाजपा से टिकट की आस लगाए समीर मोहंती ने भी भाजपा का दामन छोड़कर झामुमो का ‘तीर-धनुष’ उठा लिया है।

झारखंड विधानसभा के लिए अबतक हुए तीन चुनावों में कुछ नेताओं ने दल बदले थे, परंतु जिस अनुपात में इस बार दल-बदल हो रहा है, यह अपने-आप में रिकॉर्ड बन सकता है। आखिरी चरण के चुनाव के लिए नामांकन पूरा होने से पहले, अभी और नेता पाला बदल सकते हैं। सत्तारूढ़ दल भाजपा और आजसू के गठबंधन में दरार के बीच पाला बदलने वाले नेताओं को एक ठिकाना भी मिल गया है। सूत्रों का दावा है कि कई बड़े नेता अभी दलबदल के लिए तैयार हैं।

आजसू के प्रवक्ता देवशरण भगत कहते हैं, “चुनाव के दौरान दल बदल का सिलसिला नई बात नहीं है। जनता की पसंद वाले दल नेताओं के भी पसंदीदा होते हैं। यही कारण है कि नेता आजसू में आ रहे हैं।”

झारखंड के कुल 81 विधानसभा क्षेत्रों में से 68 प्रत्याशियों की भाजपा ने अबतक घोषणा कर दी है, जबकि आजसू ने अबतक 12 उम्मीदवारों की सूची जारी की है।

गौरतलब है कि 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा के चुनाव के लिए 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान होने हैं। नतीजे 23 दिसंबर को आएंगे। पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि समाप्त हो चुकी है।