डीएमके सरकार ने पैकेज टेंडर सिस्टम किया रद्द

चेन्नई, 28 अगस्त (आईएएनएस)। तमिलनाडु सरकार ने अपने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में पैकेज टेंडर सिस्टम को रद्द करने का फैसला किया है, क्योंकि इससे अधिक खर्च हुआ है।

सरकार ने ठेकेदारों के लिए पंजीकरण मानदंडों को संशोधित करने का भी निर्णय लिया है।

राज्य विधानसभा में इस फैसले की घोषणा करते हुए पीडब्ल्यूडी और राजमार्ग मंत्री ई.वी. वेलू ने कहा कि पैकेज टेंडर सिस्टम के परिणामस्वरूप सड़क परियोजनाओं के मामले में लगभग 50,000 रुपये प्रति किलोमीटर का अतिरिक्त खर्च आया है।

वेलु के अनुसार, पैकेज टेंडर सिस्टम के परिणामस्वरूप स्थानीय ठेकेदारों को बाहर कर दिया गया और राज्य के बाहर के ठेकेदारों द्वारा बोलियां जीती गईं।

पैकेज टेंडर सिस्टम को अन्नाद्रमुक सरकार ने 2001-2006 के बीच पेश किया था और बाद की द्रमुक सरकार ने इसे खत्म कर दिया था।

इस प्रणाली को 2011 में एआईएडीएमके के सत्ता में आने पर फिर से शुरू किया गया था।

पैकेज सिस्टम के तहत विभिन्न कार्यों को एक साथ जोड़कर टेंडर आउट किया गया। चूंकि कार्यों का कुल मूल्य अधिक था, स्थानीय ठेकेदार बोलियों में भाग लेने में सक्षम नहीं थे।

पीडब्ल्यूडी सरकारी भवनों का निर्माण करता है।

सरकार ने ठेकेदार पंजीकरण प्रक्रिया में भी फेरबदल किया है। नई प्रणाली के तहत, ठेकेदार वर्तमान वार्षिक नवीनीकरण प्रणाली से तीन साल में एक बार अपने पंजीकरण का नवीनीकरण कर सकते हैं।

तमिलनाडु सरकार ने भी एम-रेत (निर्मित रेत) की गुणवत्ता की निगरानी करने का निर्णय लिया है।

पीडब्ल्यूडी विभाग अपने सभी कार्यों को कम्प्यूटरीकृत करेगा और मोबाइल फोन का उपयोग करके काम की निगरानी की जाएगी।

विभाग ने विभिन्न जिलों में 80.28 करोड़ रुपये के खर्च पर पर्यटक बंगलों के निर्माण और मदुरै में 4.50 करोड़ रुपये में विकास करने की भी घोषणा की।

–आईएएनएस

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