तमिलनाडु में कोविड मरीज के अटेंडेंट बन सकते हैं सुपर स्प्रेडर

चेन्नई, 19 मई (आईएएनएस) तमिलनाडु के सरकारी अस्पतालों के वाडरें में कोविड रोगियों के साथ अटेन्डेंट्स के रहने पर जोर देने और आईसीयू के इन अटेन्डेंट्स के कोरोना महामारी के संपर्क में आने की आशंका बढ़ रही है।

रोगियों के साथ रहने वाले अटेन्डेंट्स अस्पतालों के अंदर और बाहर आते-जाते रहते हैं। ऐसे में वो न केवल खुद को वायरस के संपर्क में ला सकते हैं बल्कि अपने संपर्क में आने वाले लोगों तक भी संक्रमण फैला सकते हैं।

तमिलनाडु ने पिछले 24 घंटों में कोरोना के सबसे अधिक ताजा मामले दर्ज किए । राज्य में कोरोना के 33,059 ताजा मामले दर्ज किए गए हैं।

कोयंबटूर, चेन्नई, चेंगलपेट, मदुरै से ऐसी खबरें हैं जहां लोग कोविड रोगियों के अटेन्डेंट्स के रूप में रोगियों के साथ समय बिताते हैं और उनके साथ भोजन साझा करते हैं। ये परिचारक मुख्य रूप से मरीजों को शौचालय और वापस ले जा रहे हैं और उनकी तत्काल जरूरतों का भी ध्यान रख रहे हैं।

मदुरै के एक सरकारी अस्पताल के एक चिकित्सा पेशेवर रामनाथन सेल्वराज ने आईएएनएस को बताया, अटेन्डेंट्स दिन भर मरीजों के साथ रहते हैं और उन्होंने उचित मास्क भी नहीं पहना होता है। ऐसे में उनके बीमारी के सुपरस्प्रेडर्स में बदलने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में सरकार को कोविड पॉजिटिव रोगियों के लिए किसी भी अटेन्डेंट्स या दर्शकों को कम करने के लिए समय पर हस्तक्षेप करना चाहिए।

मरीजों के परिजन भी चिंतित हैं कि उनके अपनों को सरकारी अस्पतालों में उचित ध्यान नहीं मिलेगा और इसलिए वे भी मरीजों के बिस्तर पर रहने की जिद कर रहे हैं।

मदुरै के एक टाइल कर्मचारी एम. मुरुगन ने आईएएनएस को टेलीफोन पर बताया, मेरे जीजा को यह बीमारी हो गई थी और अस्पताल में नसिर्ंग स्टाफ उनकी ठीक से देखभाल भी नहीं कर रहा था।

कोविड रोगियों की उचित देखभाल करने वाले सरकारी अस्पतालों की ये सभी लंबी-चौड़ी बातें झूठी हैं। चूंकि मैं अपने बहनोई के अटेन्डेंट्स के रूप में खड़ा था, इसलिए मैं नर्सों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों से आवश्यक आवश्यकताओं के लिए अनुरोध कर सकता था । मैं अस्पताल से घर जाता था।

यह एक स्पष्ट संकेत है कि तमिलनाडु के सरकारी अस्पतालों में चीजें कैसे काम कर रही हैं। जबकि होम आइसोलेशन में रहने वालों के करीबी रिश्तेदारों को अपने घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है, सरकारी अस्पतालों में कोविड रोगियों के अटेन्डेंट्स अपनी इच्छा से अंदर और बाहर घूम रहे हैं, जिससे सुपर स्प्रेडर बनने की आशंका बढ़ रही है।

–आईएएनएस

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