तृणमूल ने बंगाल में भाजपा से जीती जंगलमहल की सीटें

कोलकाता, 3 मई (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में चार जिलों में फैली 40 विधानसभा सीटों में से 26 पर सत्ताधारी पार्टी के साथ अपना कब्जा जमा लिया है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा इन 40 विधानसभा सीटों में से 31 सीटों पर बढ़त हासिल करने में सफल रही थी।

जंगलमहल में पुरुलिया बांकुरा, पश्चिम मिदनापुर और झाड़ग्राम सहित चार जिलों में फैली 40 सीटें हैं। पुरुलिया में 9 सीटें, बांकुरा में 12 सीटें, पश्चिम मिदनापुर में 15 सीटें और झाड़ग्राम में 4 सीटें हैं, जो छह साल पहले पश्चिम मिदनापुर से बाहर खुदी हुई थी। आदिवासी आबादी के वर्चस्व वाली इन सीटों में से अधिकांश को तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माना जाता है और बीजेपी 40 में से 31 सीटें हासिल करने में सफल रही थी, जिससे उन्हें इन क्षेत्रों की पांच में से चार लोकसभा सीटें मिली हैं।

हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस 40 विधानसभा सीटों में से 25 पर जीत दर्ज कर जंगलमहल क्षेत्र में अपना जगह मजबूत करने में सफल रही। सत्तारूढ़ दल ने झारग्राम में सभी चार सीटें, पुरुलिया में 9 में से 3, पश्चिम मिदनापुर में 15 में से 14 और बांकुरा में 12 में से 4 सीटें जीती, जबकि भगवा ब्रिगेड 15 सीटें जीतीं।

हालांकि बीजेपी पुरुलिया और बांकुड़ा में कुछ नियंत्रण बनाए रखने में सफल रही है लेकिन वे पश्चिम मिदनापुर और झाड़ग्राम पर अपना नियंत्रण बनाए रखने में विफल रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, दो कारक हैं जिन्होंने जंगलमहल क्षेत्रों पर तृणमूल ने फिर से कब्जा जमाया। मुख्य रूप से यह राज्य सरकार की विकास परियोजनाओं के कारण था जो सीधे लाभार्थियों तक पहुंची और मुख्यमंत्री पर विश्वास बहाल करने में मदद की। दुआरे सरकार या कन्याश्री या स्वास्थ्य साथी जैसी परियोजनाओं ने लोगों को सरकार की सामाजिक कल्याण योजनाओं तक पहुंचने में मदद की।

दूसरा कारण यह था कि लोगों ने पूरे दिल से शुभेंदु अधिकारी का अपमान नहीं किया और इसलिए भाजपा ने पुरुलिया और बांकुरा की तुलना में पश्चिम मिदनापुर और झाड़ग्राम में बुरा प्रदर्शन किया।

टीएमसी के बांकुड़ा के जिला अध्यक्ष श्यामल संतरा ने कहा, जंगलमहल में सीटों की संख्या 2019 के लोकसभा चुनावों की तुलना में इस बार 10 से 24 हो गई। हमने यह मान लिया है कि हम बिना किसी गलती के हार गए थे। लोग वास्तव में भाजपा के झूठे आश्वासनों से गुमराह हुए थे। टीएमसी ही केवल सभी का विकास कर सकती है, क्योंकि पार्टी बिश्नुपुर में बेहतर प्रदर्शन करती तो सीटों की संख्या बढ़ जाती।

–आईएएनएस

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