अनिल कुमार गुरुवार को पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आरक्षण की लड़ाई जाति में बंट कर कभी नहीं हो सकती।
जविपा नेता ने कहा कि नीतीश कुमार के शासन ने कुर्मी व अन्य जाति को जन्म नहीं दिया। ये जातियां पहले भी थीं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने हमारे समाज को पीछे धकेला है, क्योंकि वे राजग की गोद में बैठ गए हैं।
तेजस्वी यादव के उस ट्वीट पर कडी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव का बयान बेबुनियाद और निराधार है, जिसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि आरक्षण की लड़ाई जाति में बंटकर नहीं लड़ी जा सकती। वर्ष 1989 में भी वी पी सिंह और लालू प्रसाद के नेतृत्व में पिछड़ों की लड़ाई लड़ी गयी थी। अब वही लड़ाई फिर से लड़ने की जरूरत है।
कुमार ने बीपीएससी रिजल्ट में पिछड़े और सामान्य श्रेणी का सलेक्शन बराबर यानी 535 अंक रखने पर सवाल खड़े किए और कहा कि 2019 की तरह इस बार भी खेला हो गया। उन्होंने कहा कि यह सब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर ही हुआ होगा।
उन्होंने कहा, मंडल की राजनीति कर सत्ता में आये नीतीश कुमार कमंडल के गोद में बैठकर मंडल को खत्म करने की साजिश कर रहे हैं? क्या वे संविधान से आरक्षण खत्म कर देंगे? इन सवालों का जवाब नीतीश कुमार को देना चाहिए।
कुमार ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि बीपीएससी परिणाम पर फिर से विचार करें, अन्यथा हम पूरे बिहार में व्यापक पैमाने पर बड़ा जन आंदोलन करेंगे।
–आईएएनएस
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