त्रिपुरा में अलग राज्य की मांग पर केंद्र का स्पष्ट संकेत नहीं

 अगरतला/नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस)| केंद्र सरकार ने त्रिपुरा में अपनी सहयोगी पार्टी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) की अलग राज्य की मांग के बारे में अभी कोई स्पष्टता जाहिर नहीं की है।

  यह जानकारी आधिकारिक तौर व पार्टी के सूत्रों ने बुधवार को दी। त्रिपुरा गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने भी कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय मंत्री आईपीएफटी की राज्य की मांग के बारे में अभी कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया है।

गौरतलब है कि जनजातीय आधारित स्थानीय पार्टी आईपीएफटी 2009 से त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) के लिए एक अलग राज्य बनाने के लिए आंदोलन कर रही है। इसमें त्रिपुरा के 10,491 वर्ग किलोमीटर के दो-तिहाई से अधिक का क्षेत्र है और यहां 12 लाख 16 हजार से अधिक लोगों के घर हैं।

पार्टी अध्यक्ष एवं राजस्व मंत्री नरेंद्र चंद्र देबबर्मा और पार्टी महासचिव एवं जनजाति कल्याण मंत्री मेवार कुमार जमातिया के नेतृत्व में आईपीएफटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ सोमवार व मंगलवार को नई दिल्ली में मुलाकात की। इस दौरान शाह के साथ ही डीओएनईआर (उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास) एवं पीएमओ में मंत्री जितेंद्र सिंह और वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी मौजूद थे। इस मौके पर राज्यहित के साथ ही आईपीएफटी की विभिन्न मांगों पर चर्चा की गई।

त्रिपुरा में भाजपा प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्जी ने आईएएनएस को बताया, “भाजपा ने कभी भी आईपीएफटी के राज्य के मुद्दे का समर्थन नहीं किया है। पार्टी के केंद्रीय नेता भी मांग के खिलाफ हैं। आईपीएफटी एक अलग पार्टी है और वे इस मुद्दे पर आंदोलन कर सकते हैं।”

वहीं दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्रियों से मिलने के बाद आईपीएफटी नेता अपनी मांग को लेकर काफी सकारात्मक हैं। आईपीएफटी के प्रवक्ता और पार्टी के सहायक महासचिव मंगल देबबर्मा ने आईएएनएस से कहा, “हम अपनी मांगों पर केंद्रीय मंत्रियों की प्रतिक्रिया के बारे में काफी सकारात्मक हैं। अमित शाह और अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने हमें राज्य और अन्य मांगों पर चर्चा जारी रखने का आश्वासन दिया है।”

आईपीएफटी संविधान की 8वीं अनुसूची में आदिवासियों की ‘कोकबोरोक’ भाषा को शामिल कराने की मांग भी कर रही है।