‘थर्ड आई’ की खबर से पीसीएमसी प्रशासन हुआ सचेत!

विभाग प्रमुखों ने अधीनस्थों को दिया ‘एलर्ट’

संतोष मिश्रा

पिम्परी। पुणे समाचार ऑनलाइन

सत्ता परिवर्तन के बाद पिम्परी चिंचवड़ मनपा पर मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के ‘थर्ड आई’ की पैनी नज़र है। मनपा के नगरसचिव और नगररचना जैसे विभागों में सीएमओ की निजी यंत्रणा नजर रखे हुए है। गत सप्ताह पुणे समाचार ने ‘पिम्परी मनपा के कामकाज पर ‘थर्ड आई’ कि नजर’ शीर्षक तले खबर के जरिए इस जानकारी का खुलासा किया था। इसके बाद से मनपा प्रशासन सचेत हो गया है। विभाग प्रमुखों खासकर नगरसचिव और नगररचना विभागों के प्रमुखों ने अपने अधीनस्थों को ‘एलर्ट’ जारी करते हुए कोई भी जानकारी या दस्तावेज देते वक्त सावधानी बरतने व अपने वरिष्ठों को सूचित करने के आदेश दिए हैं।

पिम्परी चिंचवड़ मनपा के कामकाज में ‘बाहरी’ हस्तक्षेप नई बात नहीं है, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्व. प्रो. रामकृष्ण मोरे से लेकर बीते 15 सालों से गत वर्ष तक राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार तक हर किसी ने मनपा की कमान अपने हाथों में रखने के लिए यहाँ के कामकाज पर अपनी नजर हमेशा गड़ाए रखी। मगर अब जब यहां ‘सब कुछ भाजपा’ की तस्वीर है, तब से सीधे मुख्यमंत्री मनपा की कमान अपने हाथों में लिए हुए हैं। मनपा के कामकाज पर उनके दफ्तर यानि सीएमओ के ‘थर्ड आई’ की पैनी नजर है। मनपा की सियासत की कमान पूरी तरह से भाजपा के शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप और भोसरी के विधायक महेश लांडगे के हाथों में है। मगर मनपा के कामकाज पर सीएमओ ऑफिस के जरिये मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अपनी नजर रखे हुए हैं।

सीएमओ के आला अधिकारी व मुख्य सचिव अपनी निजी यंत्रणा के जरिए मनपा के हर कामकाज पर नजर रखे हुए हैं। सत्ता परिवर्तन के बाद से भाजपा पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। पार्टी को विपक्ष के साथ ही ‘अपनों’ के आरोपों का भी निशाना बनना पड़ा। कुछ मामलों में खुद मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप करना पड़ा, कुछ मामलों में जांच भी जारी है। इन हालतों में सीएमओ की निजी यंत्रणा ने भी मनपा के कामकाज पर अपनी नजरें गड़ानी शुरू कर दी है। यह निजी यंत्रणा मनपा के नगरसचिव और नगररचना विभाग में अक्सर नजर आ रही है। इस बारे में पुणे समाचार ने 24 मार्च को एक खबर प्रकाशित की थी, जिसके चलते मनपा प्रशासन ‘अलर्ट’ हो गया है। विभाग प्रमुखों ने अपने अधीनस्थों को उनकी जानकारी के बिना कोई जानकारी या दस्तावेज न देने और सावधानी बरतने के आदेश दिए हैं।