दिल्ली में पेयजल का मुद्दा गरम, केंद्र-राज्य सरकार आमने-सामने

नई दिल्ली, 20 नवंबर (आईएएनएस)| दिल्ली में पीने के पानी का मुद्दा गरमा गया है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की जांच में गुणवत्ता के 19 मानकों पर दिल्ली जल बोर्ड का पानी विफल पाए जाने के बाद केंद्र और राज्य सरकार के बीच इस मुद्दे पर जंग छिड़ गई है। हालांकि केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने बुधवार को दोहराया कि पानी के मसले को राजनीति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। दिल्ली में आम आदमी पार्टी(आप) की सरकार दिल्ली जल बोर्ड द्वारा मुहैया करवाए जाने वाले पानी को शुद्ध बता रही है, जबकि बीआईएस की रिपोर्ट आने के बाद पासवान ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड का पानी पीने लायक नहीं है।

पासवान ने यहां आईएएनएस से कहा कि पानी के नमूने की जांच को राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए और इसके लिए गठित की जाने वाली समिति में गैर-राजनीतिक लोग होने चाहिए।

उन्होंने कहा कि पानी की जांच का काम विषेषज्ञों का है और इसके लिए उसके जानकारों को ही जांच समिति में सम्मिलित किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा है कि केंद्र और राज्य की एजेंसियां मिलकर पारदर्शी तरीके से दिल्ली में पानी की गुणवत्ता की जांच दोबारा करा लें।

इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से केंद्रीय मंत्री को एक पत्र लिखा गया था, जिसमें दिल्ली में पीने के पानी के दोबारा नमूने एकत्र कर जांच करवाने के लिए बनाई जाने वाली समिति के लिए प्रस्तावित दो नामों में आम आदमी पार्टी के विधायक दिनेश मोहनिया का नाम शामिल है।

पासवान ने इस पर एतराज जताते हुए कहा कि जांच समिति में जल बोर्ड का अधिकारी व गैर राजनीतिक व्यक्ति होना चाहिए।

पासवान ने कहा, “मैंने बार-बार कहा है कि पानी का मसला आम लोगों से जुड़ा हुआ है, इसलिए इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। हमने 20 राज्यों में पीने के पानी के नमूने एकत्र कर जांच करवाई है, जिस पर किसी राज्य ने प्रतिकार नहीं किया है।”

उन्होंने कहा, “हमारा मकसद सिर्फ यही है कि गरीब लोगों को नल के माध्यम से जो पानी मिल रहा है, वह पीने लायक हो।”

उन्होंने कहा कि दिल्ली में नल के पानी की जांच बीआईएस और दिल्ली बोर्ड के अधिकारियों की निगरानी में दोबारा हो और उसकी रिपोर्ट एक महीने में पेश की जाए।

गौरतलब है कि दिल्ली में कृषि भवन और राम विलास पासवान के आवास 12 जनपथ सहित 11 जगहों से पानी के नमूने लिए गए थे, जिनकी जांच रिपोर्ट पिछले दिनों आई और रिपोर्ट में सभी नमूने बीएसआई के गुणवत्ता मानकों पर विफल पाए गए।